जौनपुर: अस्पताल के गेट पर तड़प रहे मरीज, तस्वीरें बयां कर रही हैं सिस्टम का सच

मरीजों के साथ वालों ने बताया कि सुबह से शाम हो गया, कोई नोडल अधिकारी यहां पर मरीजों की देख भाल करने के लिए नहीं आया है।

Kapil Dev Maurya
Reporter Kapil Dev MauryaPublished By Chitra Singh
Published on: 29 April 2021 8:52 PM IST (Updated on: 29 April 2021 9:36 PM IST)
जौनपुर: अस्पताल के गेट पर तड़प रहे मरीज, तस्वीरें बयां कर रही हैं सिस्टम का सच
X
जिला अस्पताल

जौनपुर: कोरोना संक्रमण लेकर प्रदेश सरकार के मुखिया भले ही रोज एक आदेश निर्गत कर रहे हैं कि इस महामारी से प्रदेश की जनता को बचाया जा सके। लेकिन अधिकारी अथवा सरकार के अधीन प्रशासनिक तंत्र मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करने के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखा रहा हैं। जिसके कारण कोरोना संक्रमण लोगों को असामयिक मौत मुंह लगातार डाल रहा है।

यहां बता दें कि बीते 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लखनऊ में अपनी टीम-11 के साथ बैठक कर आदेश जारी किया है कि सरकारी अथवा निजी अस्पतालों में मरीजों की भर्ती के लिये नोडल अधिकारी व्यवस्था देखेंगे। साथ ही यह भी कहा है कि सरकारी अस्पतालों के बाहर अगर मरीजों को ऑक्सीजन लगा पाया गया तो सीधे डीएम और सीएमओ जिम्मेदार ठहराये जाएंगे। इसकी मॉनिटरिंग मुख्य सचिव के द्वारा की जायेगी।

इलाज के तड़प रहे है मरीज

मुख्यमंत्री के इस आदेश के पालन का सच जानने के लिए जनपद जौनपुर के जिला अस्पताल में न्यूज़ ट्रैक की टीम पहुंची तो वहां का नजारा देख आश्चर्य चकित रही कि सीएम के आदेश का पालन यहां नहीं हो रहा है। मरीज अस्पताल के बाहर पोर्टिकों में ऑक्सीजन (Oxygen) लगाये जीवन मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। मरीजों के साथ वालों ने बताया कि सुबह से शाम हो गया, कोई नोडल अधिकारी यहाँ पर मरीजों की देख भाल करने के लिए नहीं आया हैं। मरीज जहां उपचार के लिए तड़प रहे हैं वहीं उनके परिजन चिकित्सकों की खोज में एड़ियां रगड़ते दिखायी दिये हैं।

मरीज

बता दें कि शासन का आदेश जारी होने के बाद जनपद के जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश का पालन कराने के नोडल अधिकारियों की तैनाती भी 28 अप्रैल को करके सभी को सूचित कर दिया गया था। सरकारी जिला अस्पताल के मैनेजमेंट का नोडल अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी को बनाया गया है। जो अस्पताल सायं काल तक नहीं पहुंच सके थे और मरीज अस्पताल की चौखट पर ऑक्सीजन लगा कर उपचार के अभाव में पड़े हुए हैं। मरीज राम आसरे यादव एवं उषा प्रजापति के परिजनों ने बताया कि सुबह से शाम हो गयी कोई नोडल अधिकारी अथवा चिकित्सक मरीज का हाल जानने अथवा दवा आदि की व्यवस्था करने नहीं आया है। इस तरह जिला अस्पताल के तस्वीरें यह साफ बयां करती हैं कि सरकार के अधीन सरकारी तंत्र के लोग प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश के प्रति कितने गम्भीर हैं।

Chitra Singh

Chitra Singh

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!