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बीआरडी कांड के आरोपी डॉक्टर ने काटा हंगामा, पुलिस ने हिरासत में लिया
बहराइच: जिला अस्पताल में संक्रामक बीमारियों से 71 बच्चों की हुई मौत पर सियासत शुरू हो गई है। शनिवार को बीआरडी मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत का मुख्य आरोपी बर्खास्त चिकित्सक डॉ. काफील जिला अस्पताल पहुंच गया। चिल्ड्रेनवार्ड में बच्चों का सही इलाज न करने का आरोप लगाते हुए खुद परामर्श देने लगा। अस्पताल के डाक्टरों के विरोध पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप यादव व सीओ अरुण चंद्र पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर उसे दबोच लिया। डॉ. काफिल के सुनियोजित तरीके से जिला अस्पताल पहुंचकर हंगामा करने की वजह को लेकर पूछताछ हो रही है।
तीमारदारों को भड़काने का आरोप
जिला अस्पताल में दोपहर करीब 2.15 बजे चिकित्सक ओपीडी खत्म कर बाहर निकले थे कि चिल्ड्रेनवार्ड में किसी डॉक्टर के इलाज करने की खबर मिली। चिल्ड्रेनवार्ड प्रभारी डॉ. केके वर्मा व अन्य वार्ड में पहुंचे तो डॉ. काफिल तीमारदारों को सही इलाज न करने की बात कहकर भड़का रहे थे। जिस पर अस्पताल के चिकित्सकों ने विरोध करते हुए उन्हें बाहर निकलने को कहा। तभी वह अपने अन्य सार्थियों के साथ वार्ड में हंगामा शुरू कर दिया। जिस पर चिकित्सकों ने उसे पकड़कर सीएमएस डॉ. डीके सिंह के पास ले गए। सूचना पुलिस व प्रशासनिक अफसरों तक पहुंच गई।
सीएमएस ने आरोपी डाक्टर से पूछताछ किया,लेकिन उसने रहस्मयी बुखार से इलाज न होने का हवाला देता रहा। तब तक सीओ सिटी व सीओ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। चिल्ड्रेनवार्ड में बच्चों का इलाज व तीमारदारों को भड़काने की वजह जानने की कोशिश की गई। उसने कहा कि यहां बच्चों की मौत हो रही है। इलाज न होने के कारण वह यहां आया था। क्योंकि लापरवाही में उसे बर्खास्त किया गया तो यहां भी योगी सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं किया। अस्पताल के चिकित्सकों के बढ़ते विरोध को देखते हुए पुलिस उसे अपने साथ ले गई। बीआरडी कालेज में पिछले वर्ष अगस्त में सैकड़ों बच्चों की मौत मामले में मुख्य आरोपी डॉ. काफिल अभी कुछ दिन पहले ही जेल से जमानत पर रिहा हुआ है।
प्रेस कांफ्रेंस पर लगाई रोक
सोशल मीडिया पर सुबह से ही आरोपी डॉक्टर के प्रेस कांफ्रेंस करने व जिला अस्पताल पहुंचने की खबरे चल रही थी। लेकिन पुलिस ने मामले को संज्ञान नहीं लिया। सुनियोजित तरीके से वह अस्पताल पहुंच गया। लेकिन उसके बाद की मंशा को पुलिस ने भांप लिया। चार बजे प्रस्तावित प्रेस कांफ्रेंस पर रोक लगा दिया गया।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ डी के सिंह की मानें तो डॉ. काफिल का मकसद बच्चों का इलाज करना नहीं,बल्कि मौत पर सियासत करना रहा। वे सुनियोजित तरीके से चिल्ड्रेनवार्ड में जाकर अभिभावकों को भड़का रहे थे। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है।
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