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जालौन में इस बार पुराने कपड़े पहन लोग मनाएंगे ईद, जानिए क्या है वजह
कोरोना महामारी का कहर टूटा तो लाखों जिंदगी तबाह हो गई और हजारों की संख्या में लोग सड़को पर आ गए।
ईद नहीं मनाने का लिया गया फैसला
जालौन: कोरोना महामारी का कहर टूटा तो लाखों जिंदगी तबाह हो गई और हजारों की संख्या में लोग सड़को पर आ गए। कयामत इस कदर आफत बरसाई कि मासूमों के सिर से अपने मां-बाप का साया तक छिन गया। कुदरत से मुफ्त में मिलने वाली ऑक्सीजन को लोग ऐसे तरसे कि कुछ ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया तो कई लोगों की सांसे रास्ते में ही उखड़ गई। शमशान में लाशों के ढ़ेर और मातम की तस्वीरों से दिल दहल गया। अब अल्लाह के सजदे में सिर कैसे झुकाएं और कैसे ईद की खुशियां मनाएं जब हमारी आंखों के सामने हमारे अपने जन्नत को रुख्सत हो गए हो।
जालौन के इमाम जामा मस्जिद हाफिज मोहम्मद यूसुफ कादरी ने कोरोना से हो रही मौतों से आहत होकर इस बार ईद नहीं मनाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की तबाही के चलते इस वर्ष ईद नहीं मनाएंगे। जब हर तरफ मायूसी हो, चेहरे पर तकलीफ और दर्द हो, नए कपड़ों से ज्यादा कफन बिक रहे हों तो फिर ऐसी स्थिति में कैसी खुशियां। खुदा से दुआ करते हैं कि जल्द से जल्द इस महामारी का खात्मा कर दें और जब ये बीमारी हमारे मुल्क से अलविदा होंगी तब हम सभी लोग नए कपड़े पहनकर ईद मनाएंगे।
ईद के दिन पुराने कपड़ों में ही ईद की नमाज अदा करेंगे और साथ ही दुआ करेंगे कि अल्लाह हमारे मुल्क को इस बीमारी से निजात दिलाएं व फिर से अमन चैन की बारिश करें। साथ ही मैं उन कफ़न चोरों से अपील करना चाहता हूं कि इस मुश्किल वक़्त में मुनाफ़ाखोरी छोड़कर एक दूसरे की मदद करे। क्योंकि एक दिन हम सबको को अल्लाह के घर जाना है। देश से मायूसी के बादल छटेंगे औऱ हिंदुस्तान में फिर से चैन-ओ-अमन की बारिश होंगी।
वहीं मस्जिद में नमाज अदा करने आए मोहम्मद सफीक का कहना है कि जब देश में नए कपड़ों से ज्यादा कफन बिक रहे हैं तो हम ईद कैसे मनाएंगे। अपने समाज और देश के कई मां-बहन, भाई, बुजुर्ग, पार्टी के कई चर्चित नेता इस भयंकर कोरोना की भेंट चढ़ गए। ऐसे में इस साल मैं ईद नहीं मनाऊंगा। अल्लाह की रहम रही तो अगले वर्ष सबके साथ ही ईद की खुशियां बांटेंगे। उन्होंने सबसे अपील की कि अल्लाह का हुक्म है कि जब आपके अपने परेशान हों, तंग, तबाह हो तो आपको खुशी मनाने का हक नहीं हैं। इसलिए हालात के मद्देनजर सबको यह चाहिए कि आस पास के वैसे लोग जो दुख-तकलीफ में हैं, जिनके घर में कोई संक्रमित या फिर बीमार हैं उनकी आगे आकर बढ़-चढ़कर मदद करें। हम इंसानों के लिए इस बार यही सच्ची ईद होगी। इससे ऊपर वाला भी खुश होगा।
वहीं मासूम अकीदतमंद मोहम्मद साद अल्लाह से दुआ मांगते हुए कहा कि है कि कोरोना महामारी से हमारे मुल्क को निजात दिला दे और सबके चेहरे पर पहले जैसी खुशियां लौट आए। हम सभी बच्चें और बड़े इस बार ईद के दिन खुशियां नहीं मनाएंगे क्योंकि हमारे आसपास कई लोगों का इंतकाल हो गया है ऐसे में हमारे चेहरे पर खुशी कैसे हो सकती हैं। कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए पुराने कपड़ो में नमाज अदा करेंगे और लोगों की खुशामिती के लिए अल्लाह पाक से दुआ करेंगे।
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