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CM के दावे के उलट 10 दिन से अंधेरे में गांव, विभाग ने काट दी बिजली
बागपत: बीते 15 मार्च को यूपी के सीएम अखिलेश यादव जिस समय लखनऊ में गाँवों को 14 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का घोषणा कर रहे थे। उस समय उन्ही के सूबे का एक गांव अंधेरे से लड़ रहा था। बकाया न देने से नाराज बिजली विभाग ने बागपत के दोघट थाना इलाके के सरोरा गांव की बिजली काट दी थी। यह गांव पिछले 10 दिनों से अंधेरे में है। गांव वाले अधिकारियों के दरवाजे तो खटखटा रहे हैं लेकिन कोई भी अधिकारी सुध नहीं ले रहा हैं। बकाया रहने पर विभाग ने पूरे गांव की बिजली तो काट दी लेकिन इसमें वो लोग भी पिस गएं जिनके बिल जमा थे।
‘फीडर से काट दी गई है गांव की सप्लाई’
ग्रामीण बिरजू का कहना है कि अधिकारियों ने फीडर से 11 हजार की लाइन से गांव की सप्लाई कट कर दी गई। गांव में एक दो दिन नहीं, बल्कि पिछले करीब 10 दिनों से बिजली गुल होने की वजह से गांव में अंधेरा छाया हुआ है। दिन के वक्त भले ही सूर्यदेव इस गांव को रोशन कर देते हों, लेकिन विद्युत महकमे की अनदेखी से यहां रात सिर्फ और सिर्फ अंधेरे में कटती है। इसकी वजह से न तो बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र पढ़ाई कर पा रहे हैं और न ही गांव में पशुओं का चारा कट पा रहा है।
‘लोगों का दावा जमा है 50 प्रतिशत लोगों के बिल’
गांव में रहने वाले छात्र प्रदीप ने बताया कि ये सरोरा गांव बागपत और मेरठ सीमा से सटा हुआ है। सरोरा गांव में बिजली गुल रहने की वजह से लोगों को मेरठ के मुल्हैड़ा गांव में जाकर मोबाइल रीचार्ज करने पड़ रहें हैं। यूं तो ग्रामीण गांव में करीब 80 से ज्यादा कनेक्शन होने का दावा करते हैं और उनमें से 50 प्रतिशत लोगों ने बिल जमा करने का भी दावा करते हैं, लेकिन विद्युत विभाग ने फिर भी पूरे गांव की बिजली काट दी है। इससे बिल जमा करने वाले भी परेशान हैं।
समस्या को लेकर मुख्य अभियंता से की बात
ग्रामीण रमेश का कहना है, पिछले 10 दिनों से गांव के अंधेरे में डूबे होने की बात जब हमने पीवीवीएनएल के मुख्य अभियंता मेरठ-बागपत परिक्षेत्र राधेश्याम यादव से बात की तो उनका कहना था कि करीब गांव में 28 कनेक्शन हैं और एकाध व्यक्ति ने ही अपना बिल जमा कर रखा है। पिछले कई सालों से ये लोग बकाया देने के लिए तैयार नहीं हैं, और न ही ओटीएस स्कीम का लाभ उठाने को तैयार हैं, इसलिए ये कार्रवाई की गई है।
रमेश के बिजली बिल की रसीद
'बिजली विभाग को हर हाल में चाहिए राजस्व'
वहीँ जब इस बात को लेकर विद्युत विभाग मेरठ-बागपत परिक्षेत्र के मुख्य अभियंत राधेश्याम यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, ग्रामीण बकाये का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं हैं और विद्युत विभाग को हर हाल में राजस्व चाहिए। बीच का रास्ता भी निकलता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक बागपत का ये सरोरा गांव यूं ही अंधेरे में डूबा रहेगा।
मेरठ-बागपत परिक्षेत्र के मुख्य अभियंत राधेश्याम यादव
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