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प्रदेश में मेडिकल कालेजों के इमरजेंसी वार्ड बनेंगे कोरोना प्रूफ
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के राजकीय और निजी मेडीकल कालेजों को आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं के मरीजों को इमरजेंसी ब्लाॅक, प्रसूति सेवाओं, कार्डियोलाॅजी, कैंसर सेवायें, ट्रामा आदि में प्रवेश करने पर सात बिन्दुओं पर स्क्रीनिग करने के निर्देश दिये हैं।
लखनऊ: कोबिड-19 के संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के राजकीय और निजी मेडीकल कालेजों को आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं के मरीजों को इमरजेंसी ब्लाॅक, प्रसूति सेवाओं, कार्डियोलाॅजी, कैंसर सेवायें, ट्रामा आदि में प्रवेश करने पर सात बिन्दुओं पर स्क्रीनिग करने के निर्देश दिये हैं।
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प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री, कोरोना टास्क फोर्स से सदस्यों तथा एसजीपीजीआई और केजीएमयू के विशेषज्ञों के साथ इमरजेंसी तथा ट्रामा में आने वाले मरीजों के उपचार तथा प्रबंधन व मरीजों की स्क्रीनिंग तथा सेग्रीगेशन किये जाने के इस संबंध में बैठक हुई।
बैठक के संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग डा. रजनीश दुबे ने गुरुवार को बताया कि इमरजेंसी सेवाओं में अनजाने में कोरोना संक्रमित मरीज के भर्ती होने पर इमरजेंसी सेवाओं के ठप्प होने की आशंका होती है और चिकित्सकों तथा अन्य स्टाफ को कोरोन्टाइन करना पड़ता है। जिससे आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं बाधित होती हैं। इसको देखते हुए प्रत्येक इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के प्रवेश के दौरान उनकी स्क्रीनिंग के निर्देश दिये गये। अब इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की स्क्रीनिंग के बाद ही उन्हे आकस्मिक सेवायें उपलब्ध करायी जायेगीं।
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उन्होंने कहा कि कोरोना संभावित मरीजों का अलग से पीपीई किट, एन-95 मास्क पहन कर परीक्षण किया जायेगा। ऐसे मरीजों के लिए अलग आईसीयू वार्ड, अलग ओटी तथा अलग डायलसिस मशीन भी चिन्हित कर सम्पूर्ण व्यवस्था कोबिड-19 के अनुसार होगी।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में इस व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार का इमरजेंसी माइक्रो मैनेजमेंट प्रोटोकाल की व्यवस्था लागू करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। इस सम्बंध में प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्यों को आकस्मिक सेवाओं में सम्भावित कोविड-19 मरीजों के स्क्रीनिंग तथा सेग्रीगेशन के सम्बंध में भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन्स का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिये गये हैं।
रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव
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