Etah News: आरक्षी ने थाने के सर्वेंट क्वार्टर में फांसी लगाकर की आत्महत्या, डिप्रेशन में था मृतक सिपाही

Etah News: जब थाने में गणना के दौरान थाना प्रभारी प्रेमपाल सिंह ने रविंद्र कुमार को अनुपस्थित पाया। उन्होंने आरक्षी की खोजबीन शुरू की तो उसका शव सर्वेंट क्वार्टर में फांसी के फंदे पर लटका मिला।

Sunil Mishra
Published on: 24 March 2025 11:01 PM IST
Etah News: आरक्षी ने थाने के सर्वेंट क्वार्टर में फांसी लगाकर की आत्महत्या, डिप्रेशन में था मृतक सिपाही
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Etah News: एटा उतर प्रदेश के एटा जनपद के थाना पिलुआ में तैनात एक आरक्षी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। मृतक आरक्षी रविंद्र कुमार (2016 बैच), पुत्र अशोक कुमार, निवासी सलेमपुर, थाना ककोरा, जिला बुलंदशहर, का शव थाना परिसर के सर्वेंट क्वार्टर में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्याम नारायण सिंह सहित अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंच गये ।

घटना उस समय सामने आई जब थाने में गणना के दौरान थाना प्रभारी प्रेमपाल सिंह ने रविंद्र कुमार को अनुपस्थित पाया। उन्होंने आरक्षी की खोजबीन शुरू की तो उसका शव सर्वेंट क्वार्टर में फांसी के फंदे पर लटका मिला। आनन-फानन में थाना प्रभारी ने उसे जिला मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मृतक आरक्षी की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन रो-रोकर बेसुध हो गए। एसपी श्याम नारायण सिंह ने बताया कि मृतक सिपाही पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में था और उसने हाल के दिनों में तीन बार छुट्टियां भी ली थीं। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हुई है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है।

पुलिस प्रशासन ने घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दे दी है और मामले की छानबीन जारी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर किन परिस्थितियों ने आरक्षी को आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर किया। पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके।

इस घटना ने पुलिसकर्मियों में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ड्यूटी के तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे पुलिसकर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत एक बार फिर उजागर हो गई है।

आपको बताते चलें सीधा जनता के संपर्क में रहने वाला पुलिसकर्मी अगर स्वयं मानसिक रूप से बीमार या डिप्रेशन में रहेगा तो वह किसी भी पीड़ित के साथ तथा अपने साथ कुछ भीअप्रिय कर सकता है ऐसे व्यक्तियों का समय से परीक्षण कराना तथा उसके मानसिक संतुलन की जांच कराने की जिम्मेदारी किसकी है? अगर कोई मानसिक रूप से बीमार पुलिस कर्मी किसी फरियादी या पीड़ित के साथ कोई अप्रिय घटना घटित कर दे तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। यह भी एक सवालिया निशान है इन चीजों को भी पुलिस अधिकारियों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।

Ramkrishna Vajpei

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