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Etah News: एटा का डंका, केतन शुक्ला को UPSC में75 वीं, वंदना कुमारी को 493वीं और सचिन कुमार को 612वीं रैंक
Etah News: मेहनत, लगन और आत्मविश्वास हो तो सफलता भी कदम चूमती है। ऐसा ही कर दिखाया है एटा जनपद के तीन होनहारों ने
Etah News (Image From Social Media)
Etah News: मेहनत, लगन और आत्मविश्वास हो तो सफलता भी कदम चूमती है। ऐसा ही कर दिखाया है एटा जनपद के तीन होनहारों ने। एटा जनपद के शिक्षक पुत्र ने रचा इतिहास,केतन बने आईएएस, यूपीएससी में पाई 75वीं रैंक, पिछले साल हुआ था आईपीएस में चयन, पिता डीएवी इंटर कॉलेज सकीट में हैं अंग्रेजी शिक्षक। रामगोपाल शुक्ला के पुत्र केतन शुक्ला ने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में नया इतिहास रचा है। उन्होंने यूपीएससी में 75 वीं रैंक प्राप्त की है। केतन शुक्ला का आईपीएस में चयन हुआ था और 1 साल बाद ही वह आईएएस बन गए।वहीं वंदना कुमारी और सचिन कुमार ने, जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में शानदार प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन किया है।
अलीगंज की वंदना को मिली 493वीं रैंक
थाना जसरथपुर क्षेत्र के ग्राम अमृतपुर निवासी वंदना कुमारी ने UPSC में 493वीं रैंक प्राप्त कर अपने माता-पिता का सपना साकार किया। उनके पिता बाहेर सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। वंदना ने बताया कि यह सफलता माता-पिता के सहयोग और अपनी कठोर मेहनत से संभव हो सकी। दो प्रयास असफल रहने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में बाजी मार ली। वंदना की शिक्षा तथागत स्कूल, फतेहगढ़ आर्मी स्कूल, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (DU) और IGNOU दिल्ली से हुई है। उनके बड़े भाई यदुवीर सिंह बैंक मैनेजर हैं और छोटे भाई हरेंद्र सेना में कार्यरत हैं।
जैथरा के सचिन ने पाई 612वीं रैंक, गांव में जश्न का माहौल
सहादत नगर, जैथरा के सचिन कुमार ने UPSC 2024 में 612वीं रैंक प्राप्त कर इतिहास रच दिया। सीमित संसाधनों और आर्थिक चुनौतियों के बीच पले-बढ़े सचिन के पिता अशोक कुमार दर्जी का कार्य करते हैं। सचिन वर्तमान में एक मल्टीनेशनल कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, लेकिन उनका सपना देश सेवा का था, जिसे उन्होंने अपनी मेहनत से पूरा कर दिखाया।
सचिन का कहना है, "सिविल सेवा सिर्फ नौकरी नहीं, देश के लिए कुछ करने का अवसर है।" उनकी सफलता के बाद गांव में उत्सव जैसा माहौल है—ढोल-नगाड़ों के साथ मिठाइयां बांटी जा रही हैं और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
प्रेरणा बने दोनों युवा
वंदना और सचिन की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि छोटे गांवों से भी बड़े सपने निकलते हैं और पूरे होते हैं। अब सकीट, अमृतपुर और सहादत नगर न सिर्फ एटा बल्कि पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बन चुके हैं।
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