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Etah Police का अजब कारनामा, जिंदा युवक के चरित्र प्रमाण पत्र पर लगा दी मुर्दा युवक की झूठी रिपोर्ट !
Etah News: दीपक कुशवाहा का मुकदमा दीपक गुप्ता के नाम पुलिस ने दिखाया। दरअसल, दोनों युवकों का नाम और मोहल्ला एक होना युवक को भारी पड़ा। बेगुनाह पर बिना मुकदमा के ही मुकदमा लिखने की लगा दी रिपोर्ट।
एटा पुलिस ने जिंदा युवक के चरित्र प्रमाण पत्र पर लगा दी मुर्दा युवक की रिपोर्ट (Social Media)
Etah News: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के थाना कोतवाली नगर पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। नौकरी में जांच को आए चरित्र प्रमाण पत्र पर बिना मुकदमा लिखे ही कोतवाली नगर पुलिस ने केस दर्ज दिखा दिया। मतलब झूठी रिपोर्ट दी। पुलिस की चरित्र खराब करने वाली झूठी रिपोर्ट के बाद युवक सहित पूरा परिवार चिंता में है। कोतवाली नगर पुलिस की बिना जांच किए ही रिपोर्ट लगाने से कोतवाली नगर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग गए हैं।
पुलिस का अजीबोगरीब कारनामा
उक्त मामला एटा जिले के थाना कोतवाली के मोहल्ला आर्य नगर का है। यहां के रहने वाले दीपक गुप्ता एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। कंपनी द्वारा उसके चरित्र प्रमाण पत्र की रिपोर्ट एटा पुलिस से मांगी गई। कोतवाली पुलिस ने दीपक कुमार पर कोई मुकदमा न होने के बावजूद, एक मुकदमा दिखाकर रिपोर्ट भेज दी। जिससे उक्त युवक की नौकरी पर तो खतरा उत्पन्न हुआ ही, उसके साफ-सुथरे चरित्र पर भी सवालिया निशान उठने लगे। उक्त रिपोर्ट पर दर्शाये गए मुकदमे में पुलिस द्वारा जांच के बाद दीपक गुप्ता के स्थान पर दीपक कुशवाहा के नाम दर्ज एक मुकदमा की रिपोर्ट लगाकर भेज दी।
पुलिस से पूछा तो टरका दिया
जब उक्त संबंध में जांच कर रिपोर्ट लगाने वाले गोदाम पुलिस चौकी प्रभारी संजय सिंह से पीड़ित युवक के भाई ने बात की तो उन्होंने रिकॉर्ड में चेक कर बताया कि, दीपक गुप्ता के नाम कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है। उन्होंने अपनी भूल पर सुधार करने के स्थान पर उक्त युवक को किसी उच्च अधिकारी से पुनः जांच कर रिपोर्ट लगाने के आदेश कराने की बात कह कर उसे वापस कर दिया।
पुलिस की गलती या निजी स्वार्थ?
कोतवाली नगर पुलिस का यह कारनामा गलती से हुआ या उनके द्वारा किसी निजी स्वार्थ के चलते किया गया यह अभी स्पष्ट नहीं है। किंतु, उनके द्वारा लगाई गई रिपोर्ट में दर्शाया गया बिंदु कुछ इस प्रकार है कि 'कोर्ट में मिले अभिलेखों का डेटा आंशिक रूप से नाम मिलान और आंशिक पता मिलान के कारण निर्णायक रूप से खारिज नहीं किया जा सका' खोज के दौरान निम्नलिखित विवरण मिलान के साथ पाए गए हैं - आर्य नगर निवासी दीपक के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां मामला पंजीकरण संख्या 1404337/2008 दायर किया गया है। नगर नई बस्ती थाना कोट नगर एटा। धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर संख्या 356/08/2008 थाना कोतवाली नगर में दर्ज की गई थी। मामले की स्थिति आज तक मृत्यु रिपोर्ट है।
दीपक कुशवाहा की रिपोर्ट दीपक गुप्ता के नाम
जब पीड़ित द्वारा उक्त मुकदमा संख्या- 356/08 की रिपोर्ट को न्यायालय से निकलवाया गया तो उक्त मुकदमा दीपक गुप्ता के स्थान पर दीपक कुशवाहा के नाम दर्ज है जिसमें दोनों के मोहल्ले तो एक हैं किंतु दोनों के पिता के नाम अलग-अलग हैं। पुलिस द्वारा इस चरित्र की जांच के दौरान यह रिपोर्ट लगाना उनके कार्यप्रणाली पर एक सवालिया निशान है। पुलिस की गैर जिम्मेदाराना व्यवहार दर्शाता है।
'किसी उच्च अधिकारी से करें संपर्क'
अगर, पुलिस किसी के नाम का किसी के ऊपर भी मुकदमा दर्ज दिखा देगी, तो आमजन को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अपनी गलती पर भूल सुधार के स्थान पर उक्त चौकी प्रभारी द्वारा पीड़ित को पुनः किसी उच्च अधिकारी से जांच कर रिपोर्ट लगाने के आदेश करने को कहकर वापस कर दिया गया। उक्त संबंध में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर निर्दोष सिंह सेंगर से बात की गई। उन्होंने खुद को आगरा में होने की बात कहकर टाल दिया।
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