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Etah News: लोकायुक्त जांच में ईओ बने एडीएम से पूछताछ कर सकेंगे एसडीएम, अनबूझ पहेली बना यह भ्रष्टाचार की जांच
Etah News: डीएम द्वारा पालिका के ईओ का प्रभार एसडीएम की जगह एडीएम प्रशासन को सौंप दिया गया है। डीएम के इस आदेश के बाद जांच कमेटी के लिए एक नई मुश्किल खड़ी हो गयी है।
लोकायुक्त जांच में ईओ बने एडीएम से पूछताछ कर सकेंगे एसडीएम, अनबूझ पहेली बना यह भ्रष्टाचार की जांच: Photo- Newstrack
Etah News: एटा जनपद की तहसील जलेसर कस्बे की नगर पालिका में भी हुए भ्रष्टाचार की लोकायुक्त में शिकायत के बाद जांच प्रारंभ हो गयी है किंतु शिकायत कर्ता डीएम द्वारा करायी जा रही जांच से संतुष्ट नहीं नजर आ रहे हैं। क्योंकि एडीएम से एसडीएम को जांच करने के आदेश दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त के आदेश पर नगर पालिका परिषद में हुए भ्रष्टाचार की जांच एसडीएम विपिन कुमार मोरेल द्वारा आगामी 10 सितंबर को की जायेगी।
लोकायुक्त के आदेश के बाद डीएम द्वारा लगभग एक माह एसडीएम की अध्यक्षता में गठित की गई जांच कमेटी इसकी जांच करेगी। वहीं डीएम द्वारा पालिका के ईओ का प्रभार एसडीएम की जगह एडीएम प्रशासन को सौंप दिया गया है। डीएम के इस आदेश के बाद जांच कमेटी के लिए एक नई मुश्किल खड़ी हो गयी है। जांच के दौरान एसडीएम द्वारा एडीएम प्रशासन से सवाल जबाब कर लोकायुक्त की मंशा के अनुरूप निष्पक्ष जांच कर सकेंगे, यह सवाल न सिर्फ शिकायतकर्ता अपितु नगर के बुद्धिजीवियों के लिए भी अनबूझ पहेली बना हुआ है।
10 सितम्बर को होगी पालिका के भ्रष्टाचार की जांच, शिकायतकर्ता संशय में
उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त के आदेश पर जिलाधिकारी द्वारा गठित उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी खंड विकास अधिकारी एवं जेई लोकनिर्माण के साथ पालिका मे हुए भ्रष्टाचार की जांच करेगी। जांच कमेटी के अध्यक्ष उप जिलाधिकारी विपिन कुमार मोरेल ने नगर पालिका द्वारा पालिका को एक नोटिस भेजा है। जिसमे 10 सितंबर को समस्त अभिलेख उपलब्ध कराये जाने तथा पालिका के सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों को जांच कमेटी के समक्ष मौजूद रहने को कहा गया है। जिसमें अधिशाषी अधिकारी, जेई निर्माण, लेखाकार सहित सम्बन्धित पटल प्रभारी भी मौजूद रहेंगे। जांच कमेटी इन सभी से पूछताछ भी कर सकती है।
अनबूझ पहेली बनी जांच
चूंकि जिलाधिकारी द्वारा लगभग एक पखवाड़ा पूर्व पालिका के ईओ का कार्यभार एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश को सौंप दिया गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या जांच के दौरान एडीएम प्रशासन एसडीएम के समक्ष उपस्थित रह कर सवालों के जबाव दे सकेंगे? यह सवाल न सिर्फ शिकायतकर्ता अपितु नगर के बुद्धिजीवियों के लिए अनबूझ पहेली बना हुआ है।
विदित हो कि नगर पालिका परिषद में बीते कई सालों से विकास कार्यों के नाम पर हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार के विरोध में महावीरगंज निवासी एक शिकायतकर्ता के द्वारा प्रदेश के लोकायुक्त को साक्ष्यों के साथ शिकायत की गई थी। जांच कमेटी द्वारा शिकायती पत्र में दिये गये बिंदुओं पर बिन्दुवार जांच की जायेगी।
वहीं शिकायतकर्ता का कहना है कि लोकायुक्त द्वारा आई जांच को ठंडे बस्ती में डालने के लिए पालिका प्रशासन के द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें राजनीतिक दवाव भी बनाया जा रहा है। यदि पालिका के भ्रष्टाचारों की जांच ईमानदारी से नहीं हुई तो वह इस संबंध में उच्च न्यायालय में बाद भी दायर करेंगे।
10 सितम्बर को होगी जांच
एसडीएम विपिन कुमार मोरेल ने बताया कि लोकायुक्त एवं जिलाधिकारी एटा के आदेश के अनुपालन में नगरपालिका परिषद की जांच के लिए आगामी 10 सितम्बर को नियत किया गया है। इस सम्बंध में जांच कमेटी के अन्य सदस्यों एवं पालिका प्रशासन एवं शिकायतकर्ता को भी अवगत करा दिया गया है।
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