TRENDING TAGS :
BJP राज में कॉरपोरेट घरानों के लिए किसान हित की बलि: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की नीति और नीयत में खोट और कथनी-करनी में भारी अंतर है। भाजपा राज में किसान के हितों को कारपोरेट घरानों के लिए बलि कर दिया जा रहा है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की नीति और नीयत में खोट और कथनी-करनी में भारी अंतर है। भाजपा राज में किसान के हितों को कारपोरेट घरानों के लिए बलि कर दिया जा रहा है। किसानों के फायदे की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम के फण्ड में 76 हजार करोड़ रुपये की कटौती कर दी। इस कटौती का सीधा असर सरकारी खरीद पर पड़ेगा। किसान आज भी बिचैलियों की दया पर आश्रित है और कल भी उसकी वही हालत रहेगी।
सपा अध्यक्ष ने रविवार को केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि सपने दिखाने और जुमलों में भटकाने की कला कोई भाजपा नेतृत्व से सीखे। उन्होंने कहा कि किसानों को आय दोगुनी करने और फसलों की लागत से डेढ़ गुना मूल्य दिलाने के वादे तो रोज-रोज दुहराए जाते हैं लेकिन हकीकत में अभी तक भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री का कोई वादा पूरा नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें…दिल्ली चुनाव में 62.59% मतदान, EC ने बताया- आंकड़े बताने में क्यों हुई देरी
भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का जिक्र बिना खेती-किसानी और गांव-गरीब के बिना अधूरा रहता है। देश की 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी इसी पर निर्भर है लेकिन आजादी के 73 वर्षों के बाद भी किसान की हालत नहीं सुधरी है। ग्रामीण आय को बढ़ाने और किसानों की समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस प्रयास नहीं हुए है।
यह भी पढ़ें…केजरीवाल ने EC पर उठाए सवाल, पूछा- मतदान के आंकड़े क्यों नहीं किए जारी?
सपा अध्यक्ष ने कहा कि किसान आज भी कर्ज में डूबा आत्महत्या कर रहा है। खाद, पानी, बिजली, कृषि उपकरण सभी तो मंहगे है जबकि किसान को अपनी फसलों का घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता है। उत्तर प्रदेश में तो गन्ना किसान अभी तक बकाया भुगतान के लिए भटक रहा है।
यह भी पढ़ें…राम मंदिर ट्रस्ट की 19 फरवरी को पहली बैठक, हो सकता है ये बड़ा ऐलान
अखिलेश ने कहा कि केन्द्र सरकार के आम बजट में आकर्षक योजनाओं का दिलचस्प ब्यौरा है, किसान को 16 सूत्रीय फार्मूले का लालच दिया गया है। ‘किसान रेल‘ और ‘कृषि उड़ान‘ का सपना भी दिखाया है। नीलीक्रांति और श्वेतक्रांति का नारा भी है। साथ ही भाजपा राज में कांट्रैक्ट फार्मिंग का राग छेड़ा गया है लेकिन इसमें पानी के संकट से जूझ रहे बुंदेलखण्ड का कोई जिक्र नहीं है कि वहां किसान कैसे अपना खेत सींचेंगे? उन्होंने कहा कि कृषि और भूमि सम्बंधी कानूनों में सुधार पर भाजपा सरकार ने मुंह फेर लिया है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!