TRENDING TAGS :
गिरफ्तारी के लिए पहुंची पुलिस से भिड़े ग्रामीण, पथराव में दर्जनों लोग घायल
एलआईयू ने रिपोर्ट दी थी की ये किसान 19 दिसंबर की प्रधानमंत्री की रैली में जेबों में पत्थर भर कर रैली स्थल पर पहुच सकते हैं। पुलिस ग्रामीणों को हिरासत में लेने पहुंच गई। यहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच पथराव शुरू हो गया और दोनों तरफ कई लोग घायल हुए।
कानपुर: मुआवजा मांग रहे किसानों की गिरफ्तारी के लिए गांव में पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। इसके बाद कई घंटे चली हिंसा में दर्जनों लोग घायल हो गए। दरअस्ल, बताया जा रहा है कि एलआईयू की रिपोर्ट के बाद पुलिस गांवों में गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की रैली में मुआवजे की मांग करने वाले किसान जेबों में पत्थर भर कर रैली स्थल पर हंगामा करेंगे। फिलहाल, गांव में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है।
किसानों ने मांगा मुआवजा
-कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र स्थित यमुना किनारे पॉवर प्लांट के लिए राज्य सरकार ने 828 हेक्टेयर किसानों की कृषि भूमि का अधिग्रहण कर लिया था ।
-इनमें लहरूमाऊ, असवामाऊ, दरसुआ, सिरसा, बंगारिया, सुधौल, बंदपुर, रामपुर गांव आते हैं। हर गांव की आबादी लगभग 8 सौ के करीब है।
-20 अक्तूबर 2016 को केन्द्रीय उर्जा मंत्री पियूष गोयल और सांसद डॉ मुरली मनोहर जोशी ने इसका शिलान्यास और भूमि पूजन किया था।
-तब किसानों ने केन्द्रीय मंत्री की जनसभा में भी जमकर हंगामा किया था और मुआवजे की मांग की थी।
-बीते 15 अक्तूबर 2016 को हमीरपुर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा में जाकर भी इन किसानों ने हंगामा किया था।
-इस मांमले में 200 किसानों पर मुकदमा दर्ज हुआ था और बाद में किसान धरने पर बैठे थे।
पुलिस से भिड़ंत
-कहा जा रहा है कि इसी संबंध में एलआईयू ने रिपोर्ट दी थी की ये किसान 19 दिसंबर की प्रधानमंत्री की रैली में जेबों में पत्थर भर कर रैली स्थल पर पहुच सकते हैं।
-रिपोर्ट पर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और पुलिस ग्रामीणों को हिरासत में लेने पहुंच गई।
-यहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच पथराव शुरू हो गया और दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई।
-इसमें पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए, जिन्हें हमीरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
-एसएसपी आकाश कुल्हारी के मुताबिक किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज था, उन्हें पुलिस गिरफ्तार करने गई थी। तभी किसानों ने पथराव कर दिया।
-लेकिन किसानों से बात करने का प्रयास किया जा रहा है।
किसानों के आरोप
-जिला प्रशासन ने खेतिहर भूमि का प्रति बीघा 4 लाख 9 हजार रूपए लगाया है।
-भूमि जंगल में उसका प्रति बीघा 4 लाख 30 हजार रूपए मुआवजा लगाया गया है।
-ग्रामीणों के मुताबिक अधिकारियों से मुआवजे के रेट पर बातचीत के लिए गए तो उन्होंने अपशब्द कहे।
-यह इलाका बुंदेलखंड से जुड़ा है। खेती पर आश्रित किसानों के खेत छिन गए हैं।
-प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने प्रत्योक घर से नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन खेत लेने के बाद अधिकारी सीधे मुंह बात नही करते।
-ग्रामीणों ने एसडीएम घाटमपुर सुखवीर सिंह पर आरोप लगाया कि यह अधिकारी जब गांव आते हैं, तो महिलाओं से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं।
आगे स्लाइड्स में देखिए कुछ और फोटोज...
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!