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किसानों का यूपी कूचः योगी सरकार का अलर्ट, 26 जनवरी को पुलिस से होगा सामना
26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड कर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। इससे प्रदेश के सभी जिलों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। गणतंत्र दिवस पर किसानो के ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस के कडे़ रवैये के बाद किसानों ने यूपी कूच करने का फैसला किया है। पिछले दो दिनों में कई किसानों के जत्थे लखनऊ भी पहुंचे पर सीमावर्ती क्षेत्रों में यूपी पुलिस के कडे इंतजाम के चलते वह आगे नहीं बढ सके।
ट्रैक्टर परेड के लिए यूपी कूच करेंगे किसान
26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड कर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। इससे प्रदेश के सभी जिलों में निगरानी बढ़ा दी गई है। इस आंदोलन में इलाके के किसान शामिल न हो पाएं इसके लिए पुलिस ने सुबह से टोल प्लाजा पर वाहनों की निगरानी कर रही है। पुलिस गुजरने वाले वाहनों की तलाशी के साथ किसानों के बारे में जानकारी ले रही है।
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यूपी में ट्रैक्टर परेड को लेकर अलर्ट जारी
पिछले दो दिनों से कृषि कानूनों के विरोध में लखनऊ आ रहे किसानों को प्रशासन ने राजधानी की सीमा से पर ही रोका जा रहा है। किसानों का एक गुट ने चारबाग से राजभवन तक पैदल मार्च कर चुके हैं। यूपी से दिल्ली की ओर जाने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है।

टोल प्लाजा पर वाहनों की निगरानी करेगी पुलिस, जगह-जगह बैरिकेडिंग
चारबाग से लेकर हजरतगंज और पांच कालिदास मार्ग से लेकर अर्जुनगंज तक पुलिस ने जगह-जगह चौराहों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस और पीएसी के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। हालांकि, इससे आम लोगों को भी खासी असुविधाओं का सामना करना पड रहा है।
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कृषि बिल के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक आंदोलन
उल्लेखनीय है कि कृषि बिल के विरोध में संसद से लेकर सड़क तक हंगामा हो रहा है। एक तरफ सरकार का दावा है कि इन कानूनों से बिचैलिए खत्म होंगे, भंडारण के क्षेत्र में निवेश बढेगा और किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ किसान इसे काला कानून बताते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आघात मान रहे हैं।

कृषि में खुले बाजार की व्यवस्था अमेरिका में 60 सालों से लागू है। खुले बाजार की व्यवस्था का लाभ केवल कंपनियों को हुआ है। तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस व प्रशासन की ओर से भी खासी तैयारियां की गई है।
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