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Fatehpur News : ललौली की नूरी जामा मस्जिद में क्या चलेगा बुलडोजर, हाइकोर्ट पहुंचा मामला

Fatehpur News : उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने सड़क चौड़ीकरण के चलते फतेहपुर के ललौली कस्बे में बनी नूरी जामा मस्जिद को गिराने का फैसला किया है

Ramchandra Saini
Published on: 8 Dec 2024 2:37 PM IST
Fatehpur News
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फतेहपुर जिले के ललौली की नूरी जामा मस्जिद में क्या चलेगा बुलडोजर, हाइकोर्ट पहुंचा मामला (social media)

Fatehpur News: ललौली कस्बे में बनी बांदा सागर मार्ग पर स्थित मस्जिद को गिराने के संबंध में एक माह पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद इस मस्जिद को नहीं गिराया गया। आज मुतवल्ली ने बताया कि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है, जिसका निर्णय 06 दिसंबर 2024 को आना था, लेकिन किन्हीं कारणों से निर्णय नहीं आ सका। इसकी सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। वहीं नूरी जामा मस्जिद के मुतवल्ली मोहम्मद मोईन खान ने कहा कि कोर्ट के निर्णय का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मस्जिद 1839 के आसपास बनी थी। यहां पहले सड़क नहीं थी, यहां पूरी तरह से जंगल था, यह सड़क गांव के लोगों के लिए बनाई गई थी। उनके पास सारे अभिलेख हैं। जिसे कोर्ट में पेश किया गया है।

स्थानीय लोगों की मांग है कि बाईपास बनाया जाए और मस्जिद को रहने दिया जाए। नूरी जामा मस्जिद को गिराए जाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर यह कदम उठाया गया है। फतेहपुर के ललौली स्थित नूरी जामा मस्जिद को गिराए जाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। यह मस्जिद करीब 180 साल पुरानी बताई जाती है। नूरी जामा मस्जिद को गिराए जाने का मामला गरमा गया है। बताया जा रहा है कि लोक निर्माण विभाग सड़क चौड़ीकरण के चलते 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद को गिराने की कार्रवाई करेगा। सरकारी आदेश को चुनौती देते हुए यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है।

बताया जा रहा है कि दायर याचिका पर 6 दिसंबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारणवश मामला टल गया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने सड़क चौड़ीकरण के चलते फतेहपुर के ललौली कस्बे में बनी नूरी जामा मस्जिद को गिराने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इसके लिए बाकायदा आदेश भी जारी कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मस्जिद कमेटी ने वकील सैयद अजीम उद्दीन के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह मामला दायर किया है, दायर याचिका में कहा गया है कि इस कार्रवाई को तुरंत रोका जाए। साथ ही इसे पुरातत्व स्थल घोषित किया जाना चाहिए और 1958 अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए।

मस्जिद समिति ने दावा किया है कि नूरी जामा मस्जिद करीब 180 साल पुरानी है और यह धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र है। मीडिया रिपोर्ट्स में उन्होंने कहा है कि एक बार इसे नष्ट कर दिया गया तो इसकी ऐतिहासिक संरचनाओं को बहाल नहीं किया जा सकेगा। इसके ध्वस्त होने से स्थानीय समुदाय को नुकसान होगा। हालांकि, 6 दिसंबर को होने वाली सुनवाई स्थगित कर दी गई है और अब 13 दिसंबर को सुनवाई होगी।



Ragini Sinha

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