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खुलासा : जमीनी रंजिश में हुआ था बर्खास्त सिपाही और पुत्र का बेरहमी से कत्ल
दो दिन पहले बर्खास्त सिपाही और उसके पुत्र की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। दोनों का बेरहमी से कत्ल करके खून से सनी लाश को अलग-अलग स्थान पर फेंक दिया गया था। पुलिस ने जमीनी रंजिश में हुए कत्ल में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पांचों को न्यायायल में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
गोरखपुर/संतकबीनगरः दो दिन पहले बर्खास्त सिपाही और उसके पुत्र की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। दोनों का बेरहमी से कत्ल करके खून से सनी लाश को अलग-अलग स्थान पर फेंक दिया गया था। पुलिस ने जमीनी रंजिश में हुए कत्ल में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पांचों को न्यायायल में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। दो दिन पूर्व पिता-पुत्र रिश्तेदार के यहां जाने के लिए मोटरसाइकिल से निकले थे। सुबह दोनों की लाश नहर और सड़क पर मिली थी।
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संतकबीरनगर के एसपी आकाश तोमर ने गुरुवार को घटना का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कोतवाली बांसगांव निवासी ओम प्रकाश पाण्डेय और उनके पुत्र जयेन्द्र पाण्डेय का बेरहमी से कत्ल करके लाश को नहर और सड़क के किनारे चार किलोमीटर की दूरी पर फेंक दिया गया था। सुबह पुलिस ने दोनों को लाश को बरामद किया था। इस सनसनीखेज वारदात के बाद मामले का खुलासा पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। एसपी आकाश तोमर ने बताया कि दोनों की हत्या जमीनी विवाद में पैरवी करने के मामले को लेकर हुई थी। जिसको लेकर आरोपियों ने साजिश के तहत बाप-बेटे की हत्या कर लाश को दो अलग-अलग जगहों पर फेंक कर इसे दुर्घटना दर्शाने की कोशिश की। लेकिन वे कामयाब नहीं सके।
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उन्होंने बताया कि 27 नवंबर को सुबह सात बजे डंडवा नहर की पटरी पर एक मोटरसाइकिल गिरी हुई पाई गई थी। नहर में एक युवक की लाश औंधे मुंह पड़ी हुई थी। उसकी बाद में शिनाख्त मृतक के भाई शैलेन्द्र पाण्डेय द्वारा जयनेन्द्र पाण्डेय पुत्र ओमप्रकाश पाण्डेय उर्फ हाहाकार बाबा निवासी ग्राम बांसगांव थाना कोतवाली खलीलाबाद के रूप में की गई। बताया गया कि उसके पिता ओमप्रकाश पाण्डेय भी रात से जैनेन्द्र के साथ ही थे और वो भी लापता हैं। 26 नवंबर की रात लगभग पौने तीन बजे कांटे चौकी थाना खलीलाबाद पर बूधा मोड के पास हाईवे पर एक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का शव पाए जाने की सूचना मिली थी।
चौकीकर्मियों ने अज्ञात शव को मोर्चरी में दाखिल कराया था। शैलेन्द्र ने अज्ञात शव की शिनाख्त अपने पिता ओमप्रकाश पाण्डेय पुत्र स्व. भगवती प्रसाद पाण्डेय के रूप में की थी। थाने पर तहरीर दी गयी कि उसके भाई और पिता की अज्ञात व्यक्तियों द्वारा हत्या कर शवों को छिपाने के उद्देश्य से फेंक दिया गया है। इस तहरीर पर थाना कोतवाली खलीलाबाद पर मुअसं 1334/2018 अर्न्तगत धारा 302/201 भादवि पंजीकृत किया गया। थाना कोतवाली, सर्विलांस और स्वाट की संयुक्त टीम गठित की गई और घटना का मात्र 48 घण्टों में सफल अनावरण करने के साथ-साथ सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी नागेन्द्र, मोतीलाल, नन्दकिशोर उर्फ छट्ठू , प्रमोद, श्रीमती प्रेमा चौधरी सभी निवासी ग्राम अहिरौली थाना खलीलाबाद संतकबीरनगर को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी आकाश तोमर ने बताया कि आरोपी नागेन्द्र ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसके परिवार की जमीनी रंजिश्ा गांव के नन्दलाल के परिवार से है। उसकी जमीन के पास में ही नागेन्द्र के खलिहान की जमीन है। नन्दलाल ने ओमप्रकाश पाण्डेय की पैरवी की मदद से उस जमीन पर सरकारी रास्ता बनवा दिया। ओमप्रकाश पाण्डेय उर्फ हाहाकार बाबा उसके परिवार के घोर विरोधी रहे हैं। नागेन्द्र के पट्टीदार संतराम को आगे करके उसके विरुद्ध सिविल कोर्ट में मुकदमा करवा दिए थे। संतराम को मुकदमा लड़ने का पैसा वही देते रहे हैं।
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उन लोगों ने अभी कुछ दिन पहले अपनी जमीन में नल लगवाया था। ओमप्रकाश नन्दलाल की तरफ से उसका भारी विरोध करते थे और नल हटवाने का दबाव बनाते थे। आरोपी नागेन्द्र ने पुलिस को बताया कि चार महीने पहले उसके लड़के बालकिशन उर्फ सोनू की हाईवे पर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पहले उसने सड़क हादसे का मुकदमा लिखवाया था। कुछ दिन बाद नन्दलाल के परिवार और पाण्डेयजी पर शक हो गया था। गांव की नेता प्रेमा चौधरी ने इसमें उनकी मदद की। आरोपी नागेन्द्र के पक्ष से कई बार थाने पर गई। लेकिन थाने पर बताया गया कि एक्सीडेंट का मुकदमा लिखा हुआ है, जिसकी विवेचना हो रही है।
इस बात को लेकर ओमप्रकाश उन लोगों पर खुलेआम तानाकशी करते थे और मजाक उड़ाते थे। प्रेमा चौधरी गांव में प्रधानी भी लडी थीं और उसकी मदद करती थीं। 26/27 नवंबर की रात में ओमप्रकाश पाण्डेय और उनका लड़का जैनेन्द्र दोनों नन्दलाल के घर पर दावत में आए थे। वहीं पर शराब पीकर चिल्ला-चिल्लाकर उसके घरवालों को गालियां दे रहे थे। उसकी बहुओं ने शिकायत की तो नागेन्द्र परेशान हो गया। उसके लड़के मोतीलाल ने प्रेमा चौधरी से बताया तो उसने ही दोनों की हत्या के बाद लाश को सड़क पर फेंककर दुर्घटना का रूप देने के लिए कहा था।
नागेन्द्र, उसका लड़का मोतीलाल, नन्दकिशोर और प्रमोद घर से पैदल निकलकर अनैतापुर पिपरहिया गांव के मोड़ के करीब घात लगाकर बैठ गए। रात एक बजे के करीब ओमप्रकाश और उसके पुत्र जैनेन्द्र की घेरकर हत्या कर दी। प्रेमा चौधरी की सलाह पर ओमप्रकाश पाण्डेय की मोटरसाइकिल पर उसकी लाश को रखकर नागेन्द्र बैठ गया और गाड़ी प्रमोद चलाकर हाईवे के पास लाया। दोनों ने लाश को रोड फेंक दिया और वापस वापस आए। प्रमोद और छट्ठू जैनेन्द्र की लाश को नहर में फेंक दिए। उनका मोबाइल और हेलमेट गन्ने के खेत में फेंक दिया।
जब आस-पास के गांवों में पुलिस कई बार आई तो वे घबरा गए। प्रेमा चौधरी ने हमें सलाह दी थी कि सब लोग अलग-अलग होकर भागने के दौरान ही पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की निशानदेही पर मृतक ओमप्रकाश पाण्डेय का हेलमेट, मृतक जैनेन्द्र का डंडा, हत्या में प्रयुक्त डंडा और टांगी को पुलिस ने बरामद कर लिया।
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