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'फिक्की फ्लो' ने आयोजित की 'पारिवारिक व्यवसाय' पर चर्चा, हो रहे हैं निरंतर बदलाव
बदलते समय और तेजी से भागती दुनिया के साथJ आज के युवा व्यवसायी के लिए पारिवारिक व्यवसाय के गुण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लखनऊ। मंगलवार को राजधानी में 'फिक्की फ्लो लखनऊ' ने एक आभासी पैनल चर्चा का आयोजन किया था, जिसका शीर्षक था 'विरासत कारोबार का पुनरुद्धार।'
पारिवारिक व्यवसाय में बदलाव
हमारे देश मे परंपरागत रूप से यह बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा निर्धारित मार्ग पर चलने के लिए दिया गया था और यह विशेष रूप से व्यवसायिक परिवारों की युवा पीढ़ी के लिए स्थापित पारिवारिक उद्यम में शामिल होने के लिए अनिवार्य था। मगर, आज के परिदृश्य मे विश्व स्तर पर और विशेष रूप से भारत में परिवार संचालित व्यवसायों में निरंतर कई बदलाव हो रहे हैं, जो नेतृत्व, स्वामित्व, नए उद्यम निर्माण, शिक्षा के स्तर और व्यवसाय में महिलाओं की भागीदारी की प्रकृति और सीमा को प्रभावित कर रहे हैं।
परिवार के व्यवसायों में इनमें से बहुत सारे बदलाव अगली पीढ़ी की आकांक्षाओं, दृष्टिकोण और सोच से उपजा है। आज, जब दुनिया भर में व्यावसायिक परिवारों के पास शिक्षा का सबसे अच्छा उपयोग है और उनकी पहुंच के भीतर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन और अनुभव है, अपने पारिवारिक व्यवसाय में शामिल होने वाले बच्चों ने अभूतपूर्व प्रासंगिकता ले ली है।
बदलते समय और तेजी से भागती दुनिया के साथ आज के युवा व्यवसायी के लिए पारिवारिक व्यवसाय के गुण अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, दूसरी या तीसरी पीढ़ी के उद्यमी के रूप में अपने परिवार के साथ व्यापार में होने के कारण इसके पेशेवरों के लिए चुनौतियों का एक अनूठा समूह है, जो आज के कार्यक्रम में तीन वक्ताओं द्वारा कवर किया गया था।
अभिषेक मोहन गुप्ता
अभिषेक मोहन गुप्ता जो अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 2008 में अपने पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े और 'जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी' में संयुक्त सचिव का पद संभाला। एक अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में वह 'जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय' के प्रो चांसलर भी हैं, जो एक निजी विश्वविद्यालय है।
उन्होंने आज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 'आज हमें इस तरह की कार्यशैली को विकसित करने की आवश्यकता है, जिसका लाभ आसानी से हर वर्ग को पहुंचाया जा सके। सभी बड़े व्यवसायी, जो अपने सीएसआर कार्यक्रमों के तहत शिक्षा स्वास्थ्य और खेल में अपनी भागीदारी करते हैं, उन्हें आवश्यक है कि अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर आधुनिक तौर-तरीकों को विकसित कर उसका उपयोग सीएसआर में करें, तो अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकेंगे। आज हम भी अपनी कार्यशैली को बदलकर सामाजिक कार्य में अपनी हिस्सेदारी मजबूत कर रहे हैं।'
पारिवारिक व्यवसाय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'जब हमने शिक्षा जगत में खुद को स्थापित करने का प्रयास किया, तो पाया कि भारत में प्राइमरी लेवल से लेकर उच्च शिक्षा तक अपार संभावनाएं हैं और यही कारण है कि स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक स्थापित किए हैं।'
मन्नान बंसल
मन्नान बंसल, जिन्होंने लिबर्टी शूज़ लिमिटेड की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को बदल दिया है, इसे 67% से लाकर लगभग 97% दक्षता तक पहुंचाया है। इन्होंने अपने उत्पादों की भारत के साथ साथ पूरे विश्व में उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्हें 'सप्लाई चेन यूथ आइकॉन अवार्डी' के रूप में जाना जाता है और इन्होंने सीएनबीसी द्वारा 'डिमांड ड्रिवेन सप्लाई चेन एप्लीकेशन अवार्ड' के साथ-साथ 'युवा उद्यमी' का पुरस्कार भी जीता है।
उनका मानना है कि 'विनिर्माण एक कला है, भारत में छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों के लिए क्या अवसर हैं, इस बारे में हमारी स्पष्ट सोच है कि आज जब पूरा विश्व एक बाजार है और ग्राहक के पास अपनी पसंद के लिए कई विकल्प मौजूद हैं, तो आवश्यक हो जाता है कि उत्पाद हर जगह आसानी से उपलब्ध हों और उसकी गुणवत्ता श्रेष्ठ हो और उसका मूल्य भी व्यावहारिक हो।
विनती सराफ मुटरेजा
बता दें, विनती सराफ मुटरेजा, 'विनती ऑर्गेनिक लिमिटेड' की सीईओ और प्रबंध निदेशक हैं। मुटरेजा को 'फोर्ब्स एशिया की बिजनेसवुमेन-2020' सूची में स्थान गया है। विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने मुटरेजा को 2020 के लिए एक युवा वैश्विक नेता के रूप में नामित किया है। मुटरेजा को हाल ही में 2019 के लिए द इकोनॉमिक टाइम्स के वार्षिक "इंडियाज टॉप 40 अंडर 40" में भी सूचीबद्ध किया गया था।
विनती का मानना है कि 'उत्पादों के चयन में काफी सतर्कता बरतनी चाहिए। उत्पाद की बिक्री से उसकी लागत पर कम से कम 15% का मुनाफा मिलना चाहिए। हम वैल्यू एडिशन पर भी विचार कर रहे हैं, जिससे कंपनी को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। यही कारण है कि आज हमारे पारिवारिक व्यवसाय में निरंतर प्रगति हो रही है।
इस आयोजन के बारे में बात करते हुए 'फिक्की फ्लो लखनऊ' की चेयरपर्सन पूजा गर्ग ने कहा, "यह देखते हुए कि हमारे अधिकांश सदस्य व्यापारिक परिवारों से संबंधित हैं, यह विषय हमारे लिए विशेष रूप से प्रासंगिक था। हमें उम्मीद है कि इस पैनल चर्चा के माध्यम से हम कई माता-पिता और यहां तक कि युवा छात्रों को भी इस दुविधा का सामना करने में मदद करने में सक्षम हैं।"
कार्यक्रम का संचालन विनम्र अग्रवाल ने किया। इस कार्यक्रम में देश भर के एफएलओ सदस्यों ने भाग लिया और फेसबुक पर लाइव प्रसारित किया गया। इस कार्यक्रम में आरुषि टंडन, स्वाति वर्मा सहित फ्लो सदस्य के अलावा लखनऊ और मध्य प्रदेश के कई कॉलेजों ने भी इसमें भाग लिया था।
रिपोर्ट-: शाश्वत मिश्रा
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