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बनारस में गंगा का रौद्र रुप देख बढ़ने लगी लोगों की धुकधुकी
पहाड़ी और मैदानी भागों में हो रही जोरदार बारिश का असर दिखने लगा है। पूर्वांचल के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। यहां पर गंगा अपना रौद्र रुप दिखाने लगी हैं। वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान से चंद फासलों पर हैं। अगर एक या दो दिन में यही हालात रहें तो गंगा का पानी रिहाइशी इलाकों में घुस जाएगा।
वाराणसी: पहाड़ी और मैदानी भागों में हो रही जोरदार बारिश का असर दिखने लगा है। पूर्वांचल के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। यहां पर गंगा अपना रौद्र रुप दिखाने लगी हैं। वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान से चंद फासलों पर हैं। अगर एक या दो दिन में यही हालात रहें तो गंगा का पानी रिहाइशी इलाकों में घुस जाएगा।
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टूट गया घाटों का संपर्क
लगातार पांच दिनों से उफना रही गंगा ने सोमवार को विकराल रूप धारण कर लिया। स्थिति यह हो गई कि गंगा का जल स्तर हर घंटे नौ सेमी की रफ्तार से बढ़ने लगा। पिछले दिनों जहां गंगा का जल स्तर 65.34 मीटर था वहीं सोमवार सुबह तक बढ़कर 67.75 मीटर पर पहुंच गया। अगर ऐसी गंगा के बढ़ने की रफ्तार रही तो मंगलवार तक गंगा खतरे के निशान को छू सकतीं हैं। राजघाट से लेकर अस्सी तक सभी घाटों का संपर्क टूट गया। घाट किनारे लगाई गई दुकानें हटा दी गई हैं।
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तटवर्ती निवासियों की बढ़ी धुकधुकी
गंगा के बढ़ने की रफ्तार जैसे-जैसे तेज हो रही है, तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की धुकधुकी बढ़ने लगी है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए लोग अभी से सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक रविवार को सुबह से शाम तक गंगा का जल स्तर 98 सेमी बढ़ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि गंगा में जल स्तर अभी आगे भी बढ़ाव पर रहेगा।
मतलब साफ है लोगों की मुश्किलें बढ़नी तय है। एहतिहातन एनडीआरएफ को सतर्क कर दिया गया है। गंगा में नौका संचालन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रहे बढ़ाव के कारण वरुणा भी उफान पर हैं। वरुणा ने भी विकराल रूप धारण कर लिया है।
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