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Ghaziabad News: मस्जिदों में उठी गोली के बदले गोली की गूंज ,मुस्लिमों ने सरकार से की ये बड़ी मांग
Ghaziabad Masjid News: पहलगाम हमले पर गाजियाबाद की मस्जिदों से उठी शांति और इंसाफ की आवाज़। नमाजियों ने 2 मिनट का मौन रख आतंक की निंदा की, मुस्लिम समाज ने सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग – कहा, 'हम इंसाफ चाहते हैं, नफरत नहीं।
Ghaziabad News
Ghaziabad Masjid News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है, लेकिन गाजियाबाद से जो तस्वीर सामने आई, उसने देश को इंसानियत का पैगाम दिया। शुक्रवार को जौहर की नमाज से पहले शहर की कई मस्जिदों में इमामों ने ऐलान कर पहलगाम में मारे गए निर्दोषों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा। नमाजियों ने सिर झुकाकर शांति और सद्भाव की मिसाल पेश की।
आतंक का नहीं होता कोई धर्म
मोहन नगर की मस्जिद में नमाज पढ़ने आए मोहम्मद यासीन ने कहा, "इस नापाक हरकत की हम घोर निंदा करते हैं। आतंक का कोई धर्म नहीं होता। हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।" वहीं, इमाम ने नमाज से पहले कहा, "बेकसूरों की मौत पर खामोशी भी एक सशक्त विरोध है।"मुस्लमानों का ये भाव बेहद ही काबिल ए तारीफ़ है।
जो लोग बेकसूरों की जान लेते हैं, उन्हें ली मार देनी चाहिए
इतना ही नहीं, डासना स्थित ऐतिहासिक जमाल शाह दरगाह में तारिक नाम के श्रद्धालु ने मृतकों के लिए दुआ पढ़ी और सरकार से आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "जो लोग बेकसूरों की जान लेते हैं, उन्हें भी गोली मार देनी चाहिए। ये आतंक की भाषा है, जवाब भी उसी में दिया जाए।"देश में हुए इस आतंकी हमले के बाद हर मुस्लमान के दिल में आतंकवाद के लिए और भी ज्यादा नफरत पैदा कर दी है।
हम इंसाफ चाहते हैं, नफरत नहीं
मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर यह दिखा दिया कि आतंकवाद के खिलाफ देश की लड़ाई में वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। हर नमाजी, हर दुआ और हर मौन पल यही कह रहा था – "हम इंसाफ चाहते हैं, नफरत नहीं।" इस वक्त जबकि देश गमगीन है, गाजियाबाद से उठी ये आवाज़ उम्मीद की किरण है – एकता, सहिष्णुता और इंसानियत की। आतंक के खिलाफ ये मौन भी एक मजबूत हथियार बन गया है।