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गोमती रिवर फ्रंट घोटाला: इंजीनियरों के खिलाफ CBI ने दर्ज की एफआईआर
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच ने तेजी पकड़ ली है। सीबीआई ने गुरूवार को इस प्रकरण में आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। इस मामले में
लखनऊ: गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच ने तेजी पकड़ ली है। सीबीआई ने गुरूवार को इस प्रकरण में आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। इस मामले में सिंचाई विभाग की तरफ से 19 जून को गोमतीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें आठ इंजिनियरों को आरोपी बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन आला अफसरों पर भी जांच की आंच आ सकती है।
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दरअसल सत्ता में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद गोमती रिवर फ्रंट का दौरा कर विकास कामों का जायजा लिया तो इसमें अनियमितता सामने आई। उन्होंने इसकी जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस आलोक कुमार सिंह के नेतृत्व में न्यायिक समिति का गठन किया था और उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की सिफारिश के लिए नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अगुवाई में चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई। फिर खन्ना कमेटी की सिफारिश पर बीते 19 जून को विभाग के आठ इंजीनियरों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। सरकार ने इस घोटाले की जांच सीबीआई को देने का भी फैसला लिया। राज्य सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने भी बीते 24 नवंबर को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। अब एजेंसी ने जांच प्रक्रिया आगे बढाई है।
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इन इंजीनियरों के खिलाफ प्राथमिकी
जिन इंजीनियरों के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है। उनमें मुख्य अभियंता, गुलेश चन्द्र (सेवानिवृत्त), मुख्य अभियंता एसएन शर्मा, मुख्य अभियंता काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, शिवमंगल यादव (रिटायर), अधीक्षण अभियंता अखिल रमन, अधीक्षण अभियंता कमलेश्वर सिंह, तत्कालीन अधिशासी /अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और अधिशासी अभियंता सुरेन्द्र यादव शामिल हैं।
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