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Gonda News: कर्नलगंज कोतवाली पुलिस पर गंभीर सवाल, राहजनी को बनाया ‘गुमशुदगी',आरोपियों को बचाने का आरोप
Gonda News: यूपी में गोंडा जनपद के कर्नलगंज कोतवाली पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है।
कर्नलगंज कोतवाली पुलिस पर गंभीर सवाल, राहजनी को बनाया ‘गुमशुदगी' (SOCIAL MEDIA)
Gonda News: यूपी में गोंडा जनपद के कर्नलगंज कोतवाली पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। राहजनी जैसी गंभीर आपराधिक घटना को गुमशुदगी में तब्दील करने और बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर स्थानीय जनता में भारी रोष व्याप्त है। बीते 8 मार्च की रात नचनी मेहदीहाता, बजरंग नगर के पास ड्यूटी से लौट रहे विवेक पाण्डेय नामक युवक को बाइक सवार बदमाशों ने घेर लिया और उसका मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। पीड़ित ने 9 मार्च को कर्नलगंज कोतवाली में लिखित शिकायत दी तथा मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर भी प्रकरण दर्ज कराया।
गुमशुदगी में बदला मामला, थाने से मिला फोन
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, कोतवाली पुलिस ने इस अपराध की एफआईआर दर्ज करने के बजाय पीड़ित के चचेरे भाई अनुपम पाण्डेय से मोबाइल गुम होने का आवेदन लिखवा लिया। हैरानी की बात यह है कि 19 मार्च को वही मोबाइल फोन थाने में बरामद होने की बात कहते हुए लौटा दिया गया। इससे पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अगली ही रात फिर हुई राहजनी, फिर भी एफआईआर नहीं
9 मार्च की रात इसी क्षेत्र में कृष्णा नामक एक दुकानदार से मारपीट कर बदमाशों ने उसका मोबाइल और नकदी छीन ली। पीड़ित ने 10 मार्च को थाने में शिकायत दी, लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
जनता का आरोप: पुलिस और अपराधियों में गठजोड़
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कोतवाली पुलिस अपराधियों को संरक्षण दे रही है और अपराध के आंकड़े छिपाने के लिए ऐसे गंभीर मामलों को दर्ज ही नहीं कर रही। लोगों में यह भी आशंका है कि अपराधियों और पुलिस के बीच कहीं कोई सांठगांठ तो नहीं?
️️अफसरों की चुप्पी पर भी उठे सवाल
सूत्रों के अनुसार, जिले के उच्चाधिकारी भी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। न तो उन्होंने कोई जांच शुरू की है और न ही पीड़ितों से संपर्क साधा है,जिससे उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई
क्षेत्रवासियों ने राज्य सरकार और पुलिस महकमे से मांग की है कि इन घटनाओं की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा दोषी पुलिसकर्मियों व अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित किया जाए।