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Gorakhpur News: विनय तिवारी की गिरफ्तारी के बीच टूटी ‘तिवारी हाता’ की दीवार, अवैध कब्जा या मिलेगा मुआवजा
Gorakhpur News: पूर्व कैबिनेट मंत्री और बाहुबली पंडित हरिशंकर तिवारी के हाता की दीवार विरासत गलियारा के निर्माण को तोड़ी जा रही है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री और बाहुबली पंडित हरिशंकर तिवारी के हाता (आवास) की दीवार विरासत गलियारा के निर्माण को तोड़ी जा रही है। वैसे तो अतिक्रमण, कब्जा या फिर गलियारे के जद में आ रहे निर्माण को तोड़ा जा रहा है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि तिवारी हाता की जो बाउंड्री तोड़ी जा रही है, वह अवैध कब्जा है या फिर पीडब्ल्यूडी इसका मुआवजा देगा। इसे लेकर न तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कुछ बोल रहे हैं, न ही हाते के लोग।
पंडित हरिशंकर तिवारी को पूर्वांचल में दबदबा किसी से छिपा नहीं है। उनकी मौत के बाद भी उनके परिवार का रसूख कायम है। पूर्व विधायक और उनके बेटे विनय शंकर तिवारी को बैंक से फ्राड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर रखा है। वहीं पूर्व विधायक भीष्म शंकर तिवारी प्रवर्तन से लेकर बाउंड्री की कार्रवाई को समय पर छोड़ रहे हैं। लेकिन लोगों में सर्वाधिक चर्चा इस बात की है कि तिवारी हाता का जो हिस्सा तोड़ा जा रहा है, वह अवैध कब्जा है या फिर उन्हें इसका मुआवजा मिलेगा। धर्मशाला बाजार से सुमेर सागर होते हुए आर्यनगर तक लोग खुद ही अपना निर्माण तोड़ रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के आवास (हाता) की पुरानी दीवार तोड़ी जा रही है। परिसर में पुरानी दीवार से ऊंची नई दीवार का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुरानी दीवार से नई की दूरी एक फीट से लेकर तीन फीट तक है।
17 अप्रैल को आधा दर्जन मजदूर पुरानी दीवार को तोड़ते हुए नजर आए। तीन से चार दिन में नई दीवार पूरी तरह बनने की उम्मीद है। इसी के साथ ही पुरानी दीवार तोड़े जाने की संभावना है। धर्मशाला बाजार में कैलाश होटल से लेकर जटाशंकर तक नाला निर्माण हो रहा है। लेकिन सुस्त रफ्तार को लेकर दुकानदारों में गुस्सा है। टायर के विक्रेता घनश्याम बताते हैं कि पिछले एक महीने में दुकानदारी चौपट हो गई है। खोदे हुए नाले में गिरकर लोग चुटहिल हो रहे हैं। तय समय में नाला निर्माण होना चाहिए। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन अरविंद कुमार का कहना है कि तिवारी हाता में विरासत गलियारा को लेकर चिह्नांकन किया जा चुका है। उसी हिसाब से वे खुद ही बाउंड्री तोड़ रहे हैं। बाउंड्री दो से तीन दिन में टूट जाएगी तो नाला निर्माण शुरू होगा। नाला निर्माण जहां हो रहा है, वहां निर्माण में तेजी का निर्देश दिया गया है। कोर्ट के निर्देश का संज्ञान लेकर रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
अग्रवाल भवन की बिल्डिंग भी टूट रही
आजादी से पूर्व वर्ष 1940 में बने अग्रवाल भवन की बिल्डिंग को भी प्रबंधन खुद तोड़वा रहा है। भवन के सामने का 7 से 8 फीट हिस्सा तोड़ा जाना है। व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन का कहना है कि अग्रवाल भवन की बिल्डिंग के लिए गिरधरदास रईस ने जमीन दान की थी। आपसी सहयोग से कमरे बने थे। पिता ने एक कमरे के निर्माण के लिए आजादी से पहले 400 रुपये का योगदान दिया था। वहीं व्यापारियों का कहना है कि आर्य नगर चौराहे पर जर्जर हो चुकी सब्जी मंडी वाली बिल्डिंग का दो मीटर हिस्सा तोड़ा जाना है। जिसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।
कोर्ट के दखल के बाद धीमी हुई रफ्तार
विरासत गलियारा में बिना अधिग्रहण पीडब्ल्यूडी द्वारा रजिस्ट्री को लेकर व्यापारी शंभू शाह के साथ चार याचिकाओं की सुनवाई में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रजिस्ट्री की रफ्तार धीमी हो गई है। हाईकोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि बिना अधिग्रहण के जमीन को कब्जे में नहीं लिया जा सकता है। पीडब्ल्यूडी को 850 से अधिक रजिस्ट्री करानी है, लेकिन अभी तक आधी रजिस्ट्री भी नहीं हो सकी है। वहीं, जहां मकान और दुकान टूट चुके हैं, वहां पीडब्ल्यूडी नाले का निर्माण करा रहा है। पीडब्ल्यूडी का दावा था कि होली तक विरासत गलियारा के लिए चिन्हित सभी संपत्तियों की रजिस्ट्री करा ली जाएगी। अप्रैल का दूसरा पखवाड़ा शुरू हो चुका है, विभाग अभी तक बमुश्किल 375 लोगों से ही रजिस्ट्री करा सका है। पिछले 15 दिनों से रजिस्ट्री लगभग रुकी हुई है। समस्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष नितिन जायसवाल का कहना है कि दुकानदारों विरासत गलियारा के विरोध में नहीं है। लेकिन वह जमीदारी प्रथा में मिली पूर्वजों की जमीन का वाजिब मुआवजा चाहते हैं। जिस जमीन और बिल्डिंग का मुआवजा 40 लाख मिलना चाहिए, उसका 40 हजार रुपये भी नहीं मिल रहा है।