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Gorakhpur News: जर्मनी से आए अर्ल बर्त्रम का व्याख्यान, बोले, गुणवत्ता वाले भारतीय आयुर्वेद उत्पादों को मिल सकती है वैश्विक ख्याति
Gorakhpur News: अपने संबोधन में अर्ल बर्त्रम ने कहा कि पश्चिमी देश सुविधाजनक और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित उत्पादों को अधिक प्राथमिकता देते हैं। वहां शिलाजीत जैसे हर्ब्स के एक्सट्रैक्ट को एंटी-एजिंग और एथलेटिक परफॉर्मेंस के लिए उपयोग किया जा रहा है।
जर्मनी से आए अर्ल बर्त्रम का व्याख्यान (photo: social media )
Gorakhpur News: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में शनिवार को ‘आयुर्वेद : वैश्विक गुणवत्ता के परिप्रेक्ष्य में’ विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में इकोमोशन एआई सॉल्यूशन कंपनी, जर्मनी के पूर्व सीओओ अर्ल बर्त्रम कुचने उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में श्री अर्ल बर्त्रम ने कहा कि पश्चिमी देश सुविधाजनक और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित उत्पादों को अधिक प्राथमिकता देते हैं। वहां शिलाजीत जैसे हर्ब्स के एक्सट्रैक्ट को एंटी-एजिंग और एथलेटिक परफॉर्मेंस के लिए उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने आयुर्वेद के उत्पादों की वैश्विक स्तर पर शोध वैज्ञानिकता और गुणवत्ता मानकों पर संशय को दूर करने के लिए भारतीय गुणवत्ता बैज की परिकल्पना रखी, जो सरकार या निजी संगठनों द्वारा संचालित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह बैज केवल मार्केटिंग के लिए नहीं होगा, बल्कि गुणवत्ता सुधार की एक स्थायी पहल होगी जो आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर मजबूत स्थान दिलाएगी। यह प्रस्ताव आयुर्वेद को परंपरा से निकालकर वैज्ञानिक और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।
अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को अपनाकर उन्होंने एक वर्ष में 50 किलोग्राम वजन घटाया। इस दौरान उन्होंने हठ योग, अश्वगंधा और शिलाजीत जैसे आयुर्वेदिक हर्ब्स को अपने जीवन में शामिल किया। व्याख्यान के समापन पर आभार ज्ञापन आयुर्वेद संकाय के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने किया। इस अवसर पर आयुर्वेद कॉलेज के सभी आचार्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
निशुल्क शिविर में सौ से अधिक रोगियों को परामर्श
महंत दिग्विजयनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय आरोग्यधाम, बालापार रोड, सोनबरसा, गोरखपुर में निशुल्क चिकित्सा शिविर में प्रो. जीएस तोमर द्वारा सौ से अधिक रोगियों को चिकित्सा परामर्श प्रदान किया। इनमें अधिकांश रोगी मधुमेह, गठिया, श्वास रोग एवं लिवर से जुड़ी बीमारियों के मिले। रोगियों को औषधियों के साथ खान पान एवं योगासनों की जानकारी भी प्रदान की गई।