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Gorakhpur News: निरीक्षण करने पहुंचे जलशक्ति मंत्री से महिलाओं ने कहा, 'हर साल निरीक्षण के बाद भी डूबती हैं फसलें'
Gorakhpur News: निरीक्षण के दौरान जलशक्ति मंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आपदा से पहले तैयारी की नीति पर चल रही है। बाढ़ जैसी आपदाएं अब सरकार की सजगता के कारण कम प्रभावकारी साबित हो रही हैं।
गोरखपुर में राप्ती नदी पर बंधे का निरीक्षण करते जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Photo- Social Media)
Gorakhpur News: गोरखपुर। प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को गोरखपुर जिले में मिर्जापुर में राप्ती नदी के बाएं तट पर स्थित मलौनी तटबंध पर चल रहे बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व सभी कार्य हर हाल में पूर्ण कर लिए जाएं ताकि क्षेत्र की जनता को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके। वहीं बाढ़ को लेकर फीडबैक में महिलाओं ने मंत्री से दो टूक कहा कि हर साल निरीक्षण और करोड़ों के खर्च के बाद भी फसलें डूब जाती हैं।
निरीक्षण के दौरान जलशक्ति मंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आपदा से पहले तैयारी की नीति पर चल रही है। बाढ़ जैसी आपदाएं अब सरकार की सजगता के कारण कम प्रभावकारी साबित हो रही हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित, संरक्षित और समर्थ वातावरण मिले। उन्होंने कार्य की गुणवत्ता, कार्यदायी संस्था की प्रगति रिपोर्ट तथा मशीनरी की उपलब्धता की भी विस्तृत जानकारी ली। मंत्री ने कहा कि मलौनी तटबंध, जो कि राप्ती नदी के बाएं तट पर स्थित है, गोरखपुर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संरचना है। हर वर्ष मानसून के दौरान इस क्षेत्र में जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होती है, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने समय रहते तटबंधों के सुदृढ़ीकरण और मरम्मत के कार्य प्रारंभ कर दिए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से पहले ही प्रभावी समाधान तैयार हो सके।
मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। कार्य की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। कार्य में देरी या लचर कार्यप्रणाली पाए जाने पर संबंधित एजेंसी एवं अधिकारी पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में केवल तात्कालिक समाधान नहीं, बल्कि दीर्घकालिक और स्थायी समाधान की दिशा में कार्य कर रही है। इसमें नवीनतम तकनीकों, भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण और डिजिटल मानचित्रण का उपयोग किया जा रहा है। निरीक्षण के उपरान्त मंत्री ने स्थानीय ग्रामीणों से भी बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष बाढ़ आने पर उनकी फसलें नष्ट हो जाती हैं, और आजीविका पर संकट छा जाता है। इस पर मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और इस बार बाढ़ से पहले ही पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मलौनी तटबंध पर वर्तमान में जो कार्य किए जा रहे हैं, उनमें तटबंध की ऊँचाई और चौड़ाई में वृद्धि, तटीय क्षेत्र में गेबियन वॉल (पत्थरों से बनी रिटेनिंग वॉल) का निर्माण, जल बहाव को नियंत्रित करने के लिए जल निकासी चौनलों का निर्माण, वनस्पति संरक्षण कार्य जिससे मिट्टी कटान रोका जा सके, रियल टाइम मॉनिटरिंग प्रणाली की स्थापना शामिल हैं। इन सभी कार्यों का उद्देश्य केवल बाढ़ से बचाव नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन की स्थिरता और कृषि गतिविधियों को भी संरक्षित करना है।
स्वतंत्र देव सिंह ने यह स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल को बाढ़-मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए केंद्र सरकार से भी व्यापक सहयोग लिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपदा प्रबंधन और विकास को समानांतर चलाने की नीति को उत्तर प्रदेश बखूबी लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि जलशक्ति विभाग द्वारा प्रदेश में आधा दर्जन बड़े तटबंधों का सुदृढ़ीकरण तेजी से किया जा रहा है, जिसमें गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, संत कबीरनगर और बलरामपुर जैसे जिलों को प्राथमिकता दी गई है। मलौनी तटबंध के कार्य इसी योजना का हिस्सा हैं।
बाढ़ सुरक्षा कार्यों की हो रही डिजिटल निगरानी
मंत्री ने बताया कि बाढ़ सुरक्षा कार्यों की मॉनिटरिंग अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर की जा रही है। उत्तर प्रदेश बाढ़ नियंत्रण सूचना प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक कार्य की निगरानी मुख्यालय स्तर पर हो रही है। ड्रोन्स, जीआईएस मैपिंग और सैटेलाइट इमेजरी से भी मदद ली जा रही है ताकि गलत आँकड़े प्रस्तुत न किए जा सकें, साथ ही ग्रामीणों को एसएमएस अलर्ट, वाट्सएप ग्रुप्स और पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार द्वारा पूर्व चेतावनी दी जाएगी। जलशक्ति विभाग द्वारा बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जा रही है।
मंत्री जी ने गोरखपुरवासियों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शासन-प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर स्थिति में जनता की सुरक्षा के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन सजगता, सतर्कता और समयबद्ध कार्यप्रणाली से हम इसके दुष्प्रभावों को न्यूनतम कर सकते हैं। हमें एकजुट होकर इस दिशा में कार्य करना है। इस अवसर पर संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।