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गुर्जर समाज लोकसभा चुनाव से पहले छुडा सकता है राजनीतिक दलों का पसीना
सहारनपुर: लोकसभा चुनाव से पहले देशभर के गुर्जर समाज के लोगों ने एकजुट होकर यह साबित करने की कोशिश की कि कोई चुनाव गुर्जर समाज की सहभागिता के बगैर नहीं जीता जा सकता है। यहां पर अखिल भारतीय गुर्जर महासम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में दूर दराज से पहुंचे गुर्जर समाज के लोगों की भीड़ को देखकर यह कहा जा सकता है कि गुर्जर समाज आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों से अपने लिए कुछ ऐसा मांग सकता है, जिससे राजनीतिक दलों को पसीना छुट जाए।
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गांधी पार्क के मैदान में आयोजित हुए महा सम्मेलन में उमड़ी भीड़ को देखकर गदगद हुए मुख्य अतिथि हरियाणा के संभालका के पूर्व विधायक धर्म सिंह छोकर ने कहा कि 30 साल बाद गुर्जर समाज का ये महाकुंभ देखा है। अब से पूर्व 1989 में राजेश पायलट ने गांधी कालेज राजस्थान में ऐसा आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि पूरे देश में गुर्जर समाज दस करोड़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करीब दो करोड़ पांच लाख है। इतना बड़ा संख्या बल होते हुए भी ये समाज आज भी उपेक्षित है। यदि हम एकजुट हो जाए तो सत्ता हमारी होगी और देश पर राज हम करेंगे। उन्होंने गुर्जर रेजीमेंट का गठन किए जाने, गुर्जर समाज के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना तथा राजनीतिक अधिकार दिए जाने की मांग की।

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मेरठ के अतुल प्रधान ने कहा कि आजादी से पहले और आजादी के बाद आज भी गुर्जर समाज हर क्षेत्र में उपेक्षित है। इस पर हमें गहन मंथन करना होगा। हम किसी पार्टी, धर्म और जाति से नफरत नहीं करते। हमे अपने अधिकार चाहिए औऱ इसके लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में हम 14 प्रतिशत होने के बावजूद अपने अधिकारों को प्राप्त नहीं कर सके, इसलिए संघर्ष की आवश्यकता है। संघर्ष के बल पर ही राजनीति में हिस्सेदारी मिलेगी।
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महा सम्मेलन के आयोजक पूर्व ब्लाक प्रमुख मुकेश चौधरी ने गुर्जर समाज ने आज जो ताकत दिखाई है। उसके दुरगामी परिणाम सामने आएंगे। गुर्जर समाज को संगठित होने की जरुरत है। बेरोजगारी और गैरबराबरी जैसी समस्याएं राजनीतिक में हिस्सेदारी होने पर ही खत्म होगी। महासम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे स्वामी कर्ण वीर ने भी एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि संगठन के बल पर हर लड़ाई को जीता जा सकता है। आज जो भी बाते यहां कही गई है। उन पर अमल होना चाहिए और गुर्जर समाज की ऐसी रैलियां एनसीआर तक होनी चाहिए।
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महासम्मेलन में हरियाणा से आए कंवर सिंह छोकर, विकास छोकर, उत्तराखंड के पूर्व मंत्री यशवीर सिंह, राजस्थान से रतन लाल कटारिया, कर्नल देवानंद, राजपाल सिंह फंदपुरी, नक्षत्रपाल सिंह, कर्ण सिंह, गुलाब नबी गुर्जर, सुभाष पटेल, राजस्थान पूर्व सांसद हरी सिंह नलवा आदि ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन प्रवेश गुर्जर ने किया।
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