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Hamirpur News: बच्चों में तेजी से बढ़ा निमोनिया, आठ माह के मासूम की मौत
Hamirpur News: इलाज में लापरवाही से यही मर्ज निमोनिया में तब्दील हो रहा है, जिससे बच्चों की जानें भी जाने लगी हैं।
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Hamirpur News: मौसम के उतार-चढ़ाव से निमोनिया के केस बढ़ने शुरू हो गए हैं। ओपीडी में रोज पांच से छह ऐसे बच्चे पहुंच रहे हैं, जो निमोनिया की चपेट हैं। गंभीर बच्चों को भर्ती करके उपचारित किया जा रहा है। उधर, निमोनिया से ग्रसित आठ माह के मासूम बच्चे की कानपुर ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। बच्चे को सोमवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत में सुधार न होने पर उसे कानपुर रेफर किया गया था।
मौसम के मिजाज ने बाल रोगियों की संख्या में इजाफा कर रहा है। वायरल फीवर, डायरिया के बाद बाल रोगियों में निमोनिया के केस बढ़ने लगे हैं। मौसम के ठंडा-गरम होने की वजह से सर्दी जुकाम-बुखार की चपेट में आ रहे हैं। इलाज में लापरवाही से यही मर्ज निमोनिया में तब्दील हो रहा है, जिससे बच्चों की जानें भी जाने लगी हैं।
हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे परिजन
थाना कुरारा के शंकरपुर गांव निवासी सुनील का आठ माह का पुत्र दुर्गेश कई दिनों से बीमार चल रहा था। मां रामश्री ने बताया कि सोमवार को हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पहले ओपीडी में दिखाया और उसके बाद शाम 4.30 बजे के आसपास वार्ड में भर्ती कराया। डॉक्टर ने वार्ड में चेकअप के बाद हालत बिगड़ने पर बालक को कानपुर रेफर किया था। रात करीब 9.30 बजे के आसपास परिजन बालक को लेकर कानपुर भागे, लेकिन उसकी मौत हो गई। हैलट पहुंचने पर डॉक्टरों ने बालक को मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष ने बताया कि बालक को जब अस्पताल लाया गया था, तभी उसकी हालत गंभीर थी। उसे कानपुर रेफर किया गया था।
डॉ.आशुतोष निरंजन, बाल रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल के अनुसार बच्चों को खांसी-जुकाम की शिकायत, हाथ-पैरों की उंगलियों और होठों के नीला होना, तेज-तेज सांस लेना निमोनिया के संकेत हैं, इन्हें गंभीरता से लें। लापरवाही से बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है। ओपीडी में रोज पांच से छह ऐसे बच्चे आ रहे हैं, जो निमोनिया से ग्रसित हैं।
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