गंगा में नहीं मन पायेगा हैप्पी न्यू ईयर, नाविक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

नाविक छह सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। नाविकों ने गंगा के बीच चप्पुओं की ऋंखला बनाकर अपना विरोध जताया। नाविकों की हड़ताल से नए साल पर सुबह-ए-बनारस का दीदार करने की चाहत रखने वालों को लोगों का मजा किरकिरा हो गया है।

Aditya Mishra
Published on: 31 Dec 2018 6:56 PM IST
गंगा में नहीं मन पायेगा हैप्पी न्यू ईयर, नाविक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
X

वाराणसी: गंगापुत्र कहे जाने वाले नाविक नाराज हैं। गंगा में क्रूज चलाने को लेकर नाविकों ने मोर्चा खोल दिया है। नाविक छह सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। नाविकों ने गंगा के बीच चप्पुओं की ऋंखला बनाकर अपना विरोध जताया। नाविकों की हड़ताल से नए साल पर सुबह-ए-बनारस का दीदार करने की चाहत रखने वालों को लोगों का मजा किरकिरा हो गया है।

गंगा में नहीं चल रही है नाव

हड़ताल की वजह से भैंसासुर घाट से लेकर अस्सी घाट तक नाव का संचालन पूरी तरह ठप्प है। सभी नाविक अपनी नावों को घाट के किनारे बाँध कर दशाश्वमेघ घाट पर धरना दे रहे। माझी समाज के नेता सुभास चंद्र साहनी कहते हैं कि " हज़ारों हज़ार बरस से सदियों पहले से ये नाव का गंगा जी का शोभा रहा है आप नाव को हटा करके क्रूज़ चला रहे हैं ऐसा मोदी जी को नहीं करना चाहिए आप यहां के सांसद भी है।‘’

ये भी पढ़ें...वाराणसी में अब भी ‘सिसकती’ गंगा, धड़ल्ले से गिर रहे हैं नाले

क्रूज चलाने का विरोध

नाविकों की 6 सूत्री मांगों में एक अलकनंदा क्रूज़ के बाद दूसरी क्रूज़ गंगा में नहीं लाने की है। साथ ही फेरी और रोरो सेवा नहीं चाहते। जल पुलिस में गोताखोरों की भर्ती और गंगा के उस पार रेती में खेती की भी मांग है। क्रूज़ के विरोध में इनके अपने तर्क है। नाविकों की इस हड़ताल से यहां आने वाले सैलानी बेहद दुखी है क्योंकि वो गंगा की गोद में बैठ कर घाटों के खूबसूरत नज़ारे को नहीं देख पा रहे हैं।

सूरत से वाराणसी आई मंजुला बेहद निराश हैं " नाव नहीं चलने से दिक्कत हो रही है इतना दूर से आये हैं देखने को , घाट देखना चाहते थे गंगा जी को बीच में छूना चाहते थे , अभी जाएंगे तो ये अफ़सोस रहेगा कि इतना दूर गए लेकिन नहीं देख पाये अब दोबारा थोड़ी न आना होगा हमारा।

ये भी पढ़ें...हाईस्पीड: बिना इंजन वाली ‘ट्रेन 18’ दिल्ली से वाराणसी चलाने की तैयारी, PM दिखाएंगे हरी झंडी

गंगा से चलती है इतने परिवारों की रोजी-रोटी

बनारस में तकरीबन 50 हज़ार नाविकों का परिवार है। इनकी रोज़ी रोटी नाव से ही चलती है। गंगा में क्रूज़ चलने और वॉटर स्कूटर आने से इन्हें परेशानी हो रही है। नाविकों का लग रहा है कि अगर गंगा में क्रूज और वॉटर स्कूटर का प्रचलन बढ़ता है तो इनकी रोज़ी रोटी पर असर पडेगा।

ये भी पढ़ें...वाराणसी में दिखने लगा है परिवर्तन- नरेंद्र मोदी

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!