Hapur News: हापुड़ कचहरी में दिनदहाड़े गोलियों की गूंज… अब आया ‘बदले के इस खेल’ का फैसला!

Hapur News: हापुड़ कचहरी गोलीकांड में फैसला, तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा

Avnish Pal
Published on: 18 Sept 2025 7:25 PM IST
Hapur News: हापुड़ कचहरी में दिनदहाड़े गोलियों की गूंज… अब आया ‘बदले के इस खेल’ का फैसला!
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Hapur News:उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 16 अगस्त 2022 को हुई उस सनसनीखेज वारदात का फैसला आखिरकार सामने आ गया है, जिसने कचहरी के दरवाज़े पर कानून-व्यवस्था को हिला दिया था। पेशी पर आए कुख्यात अपराधी लखन की गोलियों से भरी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। अब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) विपिन कुमार द्वितीय की अदालत ने गुरुवार को तीन अभियुक्तों – सुनील चचूड़ा, पप्पन उर्फ संजय और वीरू उर्फ वीरपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका है।

घटना जिसने कोर्ट परिसर को बना दिया ‘शूटिंग रेंज’

16 अगस्त 2022 की सुबह 10:45 बजे। फरीदाबाद जेल से पुलिस कस्टडी में लखन को हापुड़ कोर्ट पेशी के लिए लाया गया।कार से उतरते ही अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग गोलियां चलने लगीं, कचहरी परिसर में अफरा-तफरी, लोग जान बचाकर दौड़ पड़े।हरियाणा पुलिस का कांस्टेबल ओमप्रकाश भी घायल हुआ।हमलावर पिस्टल लहराते हुए रघुवीरगंज की गलियों में गायब हो गए।

खूनी दुश्मनी’ का खौफनाक ट्रैक रिकॉर्ड

जांच में खुलासा हुआ कि यह वारदात 2019 की दोहरी हत्या की पुरानी रंजिश का बदला थी।धौलाना थाना क्षेत्र के उदयरामपुर नंगला में हरियाणा के अनंगपुर गांव निवासी देवेंद्र सिंह के बेटे सागर और सचिन की बरात के दौरान फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी।लखन उस केस का आरोपी था।मुख्य साजिशकर्ता मोलू (अनंगपुर) ने बदला लेने के लिए पूरी योजना बनाई।यहां तक कि 10 मार्च 2022 को पिलखुआ बाईपास पर लखन के भतीजे संदीप पर भी हमला किया गया था।

अदालत में पेश हुए ‘बदले के खिलाड़ी’ आया फैसला

26 गवाहों के बयान, 18 आरोपियों पर चार्जशीट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद अदालत ने सख्त फैसला सुनाया:

सुनील चचूड़ा व वीरू उर्फ वीरपाल:

धारा 302/34 IPC – आजीवन कारावास + 50,000 रूपये जुर्माना (न भरने पर 6 माह अतिरिक्त)।

धारा 307 IPC – 10 वर्ष कठोर कारावास + 50,000 रूपये जुर्माना (न भरने पर 6 माह अतिरिक्त)।

पप्पन उर्फ संजय:

धारा 302/34 IPC – आजीवन कारावास + 50,000 रूपये जुर्माना (न भरने पर 6 माह अतिरिक्त)।

धारा 307 IPC – 10 वर्ष कठोर कारावास + 50,000 रूपये जुर्माना (न भरने पर 6 माह अतिरिक्त)।

तीनों अभियुक्त इस समय डासना जेल (गाजियाबाद) व गौतमबुद्धनगर जेल में बंद हैं।

13 आरोपी बरी, बच गई ज़िंदगी

अदालत ने कुलदीप, सचिन उर्फ सच्चे, अमित उर्फ ऐम्मी, सुभाष, शिवम पंडित, अंकित, मनीष, अमित, भोला जाट, सतेंद्र उर्फ भोलू, सुमित, मोहित और रणदीप भाटी को बरी कर दिया।

बदले का खौफ’ और ‘कचहरी का खून’ सबक किसके लिए?

यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस ‘गैंगवार’ का सबूत है जिसमें अदालत के दरवाजे भी सुरक्षित नहीं हैं।पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल उठे कि इतनी सुरक्षा घेराबंदी के बीच लखन को गोलियों से भून दिया गया।अब जबकि अदालत ने सजा सुना दी है, गैंगस्टर कल्चर के खिलाफ यह फैसला बड़ा संदेश माना जा रहा है।

Shalini Rai

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