Hapur News: सलारपुर में हिंसा के बाद डीआईजी सख्त, पुलिस पर हुई कड़ी कार्रवाई

Hapur News: हापुड़ के सलारपुर गांव में मामूली विवाद ने उग्र रूप ले लिया, जिसमें एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।

Avnish Pal
Published on: 16 Sept 2025 4:26 PM IST
Hapur News: सलारपुर में हिंसा के बाद डीआईजी सख्त, पुलिस पर हुई कड़ी कार्रवाई
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Hapur News: हापुड़ जिले के थाना सिम्भावली क्षेत्र के ग्राम सलारपुर में बढ़ते वैमनस्य ने स्थानीय लोगों की नींद उड़ा दी। 10 सितंबर को शुरू हुए मामूली झगड़े ने 11 सितंबर को हिंसक रूप ले लिया, जब विवादित पक्ष के सदस्य दुष्यन्त, सोवीर और गांधी ने जितेन्द्र पुत्र हेम सिंह पर बेरहमी से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल युवक फिलहाल अस्पताल में उपचाराधीन है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।पुलिस की लापरवाही सामने आई

घटना के तुरंत बाद भी स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई में न केवल ढील दी बल्कि उच्च अधिकारियों को भी सूचित नहीं किया। हल्का प्रभारी राजदीप सिंह और बीट हेड कांस्टेबल विरेन्द्र सिंह की इस चूक के कारण इलाके में भय और असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हो गई।

डीआईजी का सख्त संज्ञान

पीड़ित पक्ष ने 15 सितंबर को रेंज कार्यालय डीआईजी से मुलाकात कर मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की। डीआईजी कलानिधि नैथानी ने तुरंत संज्ञान लिया और क्षेत्राधिकारी गढ़ को मामले की जांच का निर्देश दिया।

जांच में खुलासा

क्षेत्राधिकारी की जांच में पाया गया कि हल्का प्रभारी और बीट हेड कांस्टेबल ने वैधानिक कार्यवाही में लापरवाही बरती और किसी भी गंभीर प्रकरण की सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं दी। इसके कारण पीड़ित पक्ष ने समय पर मुकदमा दर्ज नहीं कराया, जिससे अपराधियों में आश्वस्तता और जनता में असुरक्षा की भावना पैदा हुई।

तत्काल कार्रवाई

जांच में आरोप सही पाए जाने पर हल्का प्रभारी राजदीप सिंह और बीट हेड कांस्टेबल विरेन्द्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया। वहीं, पीड़ित की तहरीर के आधार पर दुष्यन्त, सोवीर और गांधी के खिलाफ थाना सिम्भावली में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

डीआईजी कलानिधि नैथानी का सख्त बयान

डीआईजी कलानिधि नैथानी नें सख्त रूप अपनाते हुए कहा कि हापुड़ जिले में किसी भी वैमनस्यता या हिंसक घटना में विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी थानों और चौकियों को तुरंत कार्यवाही करनी होगी। किसी भी गंभीर प्रकरण में समझौते या विलंब का कोई बहाना स्वीकार्य नहीं है। पुलिस का प्राथमिक कर्तव्य है कि पीड़ित को तत्काल न्याय दिलाया जाए और अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।पुलिस की विश्वसनीयता जनता के विश्वास पर निर्भर करती है। अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो न केवल जनता असुरक्षित महसूस करेगी, बल्कि अपराधियों में साहस भी बढ़ेगा। मैं सभी थानों और चौकियों को चेतावनी देता हूं कि नियमों के पालन में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। किसी भी अपराधी को अपराध करने का अवसर नहीं मिलेगा। यह संदेश साफ है।जो भी वैमनस्यता में शामिल होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।समय पर कार्रवाई से ही हम अपराधियों पर काबू पा सकते हैं और पीड़ितों को न्याय दिला सकते हैं। यह जिला हापुड़ की पुलिस की प्रतिबद्धता है कि कोई भी घटना रहस्य या ढिलाई का शिकार नहीं होगी।"

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोग डीआईजी के कड़े रुख से राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन पुलिस की पिछली लापरवाही पर अभी भी गहरा असंतोष है। उनका कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई की जाती, तो घायल युवक इतनी गंभीर स्थिति में नहीं आता।

Shalini singh

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