TRENDING TAGS :
HC ने मुख्य सचिव से चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के निर्देशों पर दो हफ्ते में मांगा हलफनामा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था की खस्ता हालत में सुधार के निर्देशों पर कार्यवाही रिपोर्ट के साथ मुख्य सचिव से 2 हफ्ते में हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि हलफनामा न देने पर वह खुद 29 जनवरी को हाजिर होंगे।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था की खस्ता हालत में सुधार के निर्देशों पर कार्यवाही रिपोर्ट के साथ मुख्य सचिव से 2 हफ्ते में हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि हलफनामा न देने पर वह खुद 29 जनवरी को हाजिर होंगे। कोर्ट में फर्जी हलफनामा देने के मामले में दी गई सफाई को संतोषजनक न मानते हुए के कोर्ट ने प्रमुख सचिव रजनीश दुबे और मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस पी सिंह को भी कोर्ट में तलब किया है।
ये भी पढ़ें...‘दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने स्नेह लता सिंह व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। हाई कोर्ट कर्मचारी अधिकारी संघ की तरफ से दाखिल अर्जी पर कोर्ट ने विस्तृत विवरण दाखिल करने का समय दिया है। एसोसिएशन के अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट से पूर्व में पारित आदेश को शिथिल करने की मांग की।
ये भी पढ़ें...झारखंड हाईकोर्ट- चारा घोटाले में लालू यादव को नहीं मिली राहत, जमानत अर्जी हुई खारिज
उनका कहना था कि कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों को सरकारी अस्पतालों में ही इलाज कराने पर खर्च की सरकार से भरपाई का निर्देश दिया है। जबकि सरकारी अस्पतालों की हालत गंभीर बीमारियों का इलाज करने लायक नहीं है इसलिए उन्हें मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है। इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह रोड मैप तैयार कर मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य स्टाफ के खाली पदों को भरे।
सभी मेडिकल केयर सेंटर पर दवाई उपलब्ध कराई जाए, फंड का ऑडिट कराया जाए, ट्रॉमा सेंटरों की सुविधाएं दी जाएं, सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाए और विजिलेंस जांच कराई जाए। कोर्ट ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की स्पेशल ऑडिट जांच कराने का भी निर्देश दिया था। महानिदेशक विजिलेंस को इसकी जांच करने, ट्रैफिक प्लान लागू करने,अतिक्रमण, पार्किंग पर जागरूकता अभियान जैसे कई सुधारात्मक निर्देश कोर्ट ने दिए थे। प्रमुख सचिव के हलफनामे के संतोषजनक न पाए जाने पर कोर्ट ने मुख्य सचिव से हलफनामा मांगा है।
ये भी पढ़ें...इलाहाबाद हाईकोर्ट: पढ़ने वाले कालेज में नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!