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HC ने सरकारी वकीलों की लिस्ट के रिव्यू के लिए दिया और टाइम
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को राज्य सरकार को सरकारी वकीलों की सूची पुनरीक्षित (रिव्यू) करने के लिए फिर से समय दे दिया।
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को राज्य सरकार को सरकारी वकीलों की सूची पुनरीक्षित (रिव्यू) करने के लिए फिर से समय दे दिया। कोर्ट ने 18 सितंबर की तारीख तय करते हुए महाधिवक्ता से कहा कि आखिर समय मांगने का कोई अंत होना चाहिए। प्रकरण गंभीर है और सरकार को इस कार्य में विलंब नहीं करना चाहिए। इससे पहले भी सरकार कोर्ट से तीन बार समय मांग चुकी थी।
कोर्ट ने 21 जुलाई को सूची को पुनरीक्षित करने का आदेश दिया था। मंगलवार को महाधिवक्ता ने फिर से और समय की मांग की, जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए समय दे दिया।|
यह आदेश चीफ जस्टिस दिलीप बी. भोंसले और जस्टिस विवेक चैधरी की बेंच ने वकील महेंद्र सिंह पवार की याचिका पर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ बेंच में मुकदमों की पैरवी के लिए राज्य सरकार ने सात जुलाई को सरकारी वकीलों की सूचियां जारी की थी, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गयी थी।
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कोर्ट ने पाया था कि सूची विहित प्रकिया का पालन किये बिना जारी कर दी गयी थी। इसलिए वह कानून की नजर मे टिकने वाली नहीं है, जिसके बाद कोर्ट ने 21 जुलाई को सरकार को सूची का रिव्यू करने का आदेश दिया था।
मंगलवार को सुनवायी में महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने कहा कि कमेटी बना दी गयी है और काम चल रहा है। छह हजार वकीलों के बायोडाटा मिले हैं। कोर्ट ने कहा कि रिव्यू का काम अनन्त काल तक नहीं चलना चाहिए।
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