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HC: कॉलेज पर 1 रुपए हर्जाना, कहा- सीट नहीं तो अंतिम दाखिला कैंसिल कर दें एडमिशन
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध सीएमपी डिग्री कॉलेज पर एक रुपए का हर्जाना लगाया है। कॉलेज में बी.कॉम तृतीय वर्ष में बैक पेपर देने वाली छात्रा के मूल अंक पत्र काउंसिलिंग के समय न दिखाने के कारण एम.कॉम में प्रवेश देने से इंकार कर दिया था।
याची ने बैक पेपर देने के लिए जारी मूल अंक पत्र कॉलेज में ही जमा कर दिया था। प्रवेश पाने की न्यूनतम अर्हता से अधिक अंक प्राप्त होने के बावजूद कॉलेज ने तकनीकी कारणों से प्रवेश देने से इंकार कर दिया।
कॉलेज का रवैया छात्र को नुकसान पहुंचाने वाला
-कोर्ट ने कॉलेज के रवैये को छात्र को नैतिक नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया।
-कोर्ट ने कहा, कॉलेज का याची को प्रवेश देने से इंकार करना औचित्यपूर्ण नहीं है।
-कोर्ट ने सीएमपी कॉलेज को याची को तत्काल एम.कॉम में प्रवेश देने के निर्देेश दिए हैं।
-यदि सीट खाली न हो तो प्रवेश पाए अंतिम छात्र का प्रवेश निरस्त कर याची को प्रवेश दिया जाए।
अगली स्लाइड में पढ़ें क्या है पूरा मामला ...
क्या है मामला?
-यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने कु.अर्पणा श्रीवास्तव की याचिका पर दिया।
-याची ने 2015-16 सत्र में सीएमपी डिग्री कॉलेज से बी.कॉम तृतीय वर्ष उत्तीर्ण किया है।
-उसने एम.कॉम प्रथम वर्ष की प्रवेश परीक्षा दी थी।
-इस परीक्षा में उसे कट ऑफ मार्क्स से अधिक अंक मिले।
-याची बी. कॉम में अंक बढ़ाने के लिए दो विषय की परीक्षा में बैठी जिस पर मूल प्रमाणपत्र जमा कर लिए गए।
किया नामांकन से इंकार
-जब वह एम.कॉम में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग में गई तो मूल अंकपत्र न होने के कारण प्रवेश से इंकार कर दिया गया।
-जबकि वह प्रवेश पाने के योग्य थी।
-कॉलेज ने नियमों का हवाला दिया।
-जबकि विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों को प्राविजिनल प्रवेश की अनुमति दी है।
बावजूद इसके कॉलेज ने प्रवेश देने से इंकार कर दिया।
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