हाईकोर्ट ने पूछा- जिस डॉक्टर ने जीवनभर KGMU की सेवा की, उसकी विधवा के साथ ऐसा व्यवहार क्यों?

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By aman
Published on: 10 April 2017 8:56 PM IST
हाईकोर्ट ने पूछा- जिस डॉक्टर ने जीवनभर KGMU की सेवा की, उसकी विधवा के साथ ऐसा व्यवहार क्यों?
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लखनऊ: हाईकोर्ट ने केजीएमयू से रिटायर एक डॉक्टर की 84 वर्षीय विधवा को पेंशन से जुड़े लाभ न दिए जाने पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा, कि यह बहुत ही गंभीर मसला है। विधवा के पति ने अपना पूरा जीवन केजीएमयू की सेवा में बिता दिया और उसकी विधवा को अपने हक के लिए वर्षों से चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कोर्ट ने मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव और केजीएमयू के रजिस्ट्रार को मसले का फलदायी हल निकालने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता तो दोनों अफसर 25 अप्रैल को संबधित रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में हाजिर होंगे। यह आदेश जस्टिस एसएन शुक्ला और जस्टिस एसके सिंह प्रथम की बेंच ने डॉ. ब्रजभूषण सेठी की विधवा डॉ. निर्मल सेठी की ओर से दायर एक याचिका पर पारित किया।

याची का कहना था उसकी उम्र 84 साल है। उसके पति ने जीवन भर केजीएमयू की सेवा की और उनकी मौत हो गई है। परंतु, उनके पेंशन से जुड़े लाभ उनको नहीं दिए जा रहे हैं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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