कैदी की जेल में कैसे हुई मौत, कोर्ट ने स्टेट मेडिको-लीगल एक्सपर्ट की मांगी राय

Rishi
Published on: 19 Nov 2018 9:31 PM IST
कैदी की जेल में कैसे हुई मौत, कोर्ट ने स्टेट मेडिको-लीगल एक्सपर्ट की मांगी राय
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लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने स्टेट मेडिको-लीगल एक्सपर्ट को बहराइच जेल में बंद एक कैदी मोहम्मद यूसुफ की कथित संदिग्ध मौत के बाद हुए उसके पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के देखकर उसकी मौत के कारणों के बावत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस कैदी की मौत के मसले पर सुनवाई के दौरान हाजिर हुए बहराइच एसपी की ही राय के बाद शव को कब्र से बाहर निकालने पर निर्णय लेने से पहले कोर्ट ने मेडिको-लीगल एक्सपर्ट को पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, इन्क्वेस्ट रिपोर्ट व शव के फोटोग्राफ्स भेजने के आदेश दिए हैं और इन सामग्रियों के आधार पर एक्सपर्ट को कैदी के मौत के कारण पर रिपोर्ट देनी है।

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यह आदेश जस्टिस डीके अरोड़ा व जस्टिस राजन रॉय की खंडपीठ ने मेराज की याचिका पर दिए। याची का कहना है कि उसका चाचा मोहम्मद यूसुफ हत्या के आरोप में दोषसिद्ध होने के बाद सजा काट रहा था। इस दौरान उसकी जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। शव के कुछ फोटोग्राफ पेश करते हुए कहा गया कि मृतक के गले पर दिख रहे निशान का पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र नहीं है।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि इन्क्वेस्ट रिपोर्ट में गले पर निशान व चेहरे पर कुछ चोटों का भी जिक्र है जबकि ये बातें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने बहराइच के एसपी, जेल सुपरिंटेंडेंट, सीएमओ व पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को तलब कर लिया।

सुनवाई के दौरान बहराइच एसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कोर्ट के समक्ष सलाह दी कि शव को कब्र से निकालने से पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट की विडियोग्राफी को फॉरेंसिक लैब भेजकर मौत के कारण का पता लगाया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने विडियोग्राफी, पोस्टमार्टम व इन्क्वेस्ट रिपोर्ट और फोटोग्राफ्स सील्ड कवर में स्टेट फॉरेंसिक साइंस लैब, महानगर भेजने के आदेश दिए। हालांकि लैब का कहना था कि मौत के कारणों पर स्टेट मेडिको-लीगल एक्सपर्ट ही राय दे सकते हैं। इस पर कोर्ट ने अब स्टेट मेडिको-लीगल एक्सपर्ट को उक्त सामग्रियां भेजते हुए, 15 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने जिलाधिकारी बहराइच से कैदी की मौत के सम्बंध में हुई, मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट भी सील्ड कवर में देने का निर्देश दिया है। मामले की अग्रिम सुनवाई 5 दिसम्बर को होगी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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