गिरफ्तार हो सकते हैं शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

कोर्ट को बताया गया कि इससे पहले भी छह आपराधिक मामलों की जांच सीबीसीआईडी कर रही है। इस मामले में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया। कोर्ट ने याची को समर्पण करने का समय दिया था किन्तु याची ने समर्पण नहीं किया है।

zafar
Published on: 18 April 2017 10:17 PM IST
गिरफ्तार हो सकते हैं शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
X
21 और 22 फरवरी को अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में नहीं होगा प्रतिकूल आदेश 

गिरफ्तार हो सकते हैं शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। वसीम पर बरेली में वक्फ सम्पत्ति में घोटाले का आरोप है और उन्होंने याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी। न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति राजुल भार्गव की खण्डपीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी।

पहले से हैं आपराधिक मामले

कोर्ट ने लगातार अपराध करने के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट को बताया गया कि इससे पहले भी छह आपराधिक मामलों की जांच सीबीसीआईडी कर रही है। इस मामले में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया। कोर्ट ने याची को समर्पण करने का समय दिया था किन्तु याची ने समर्पण नहीं किया है। कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता तथा कई अपराधों में लिप्तता को देखते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

आगे स्लाइड में शुआट्स मामले में अतीक से क्या कहा कोर्ट ने...

शुआट्स पर फैसला सुरक्षित

शुआट्स हमला मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट ने अतीक की अर्जी और याचिका वापस लेने की याची की अर्जी, दोनों पर दोनों पक्षों की लम्बी बहस के बाद फैसला सुरक्षित किया। अतीक की तरफ से कहा गया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट की टिप्पणी के चलते उन्हें परेशानी उठानी पड़ी है। जमानतीय अपराध में जमानत नहीं मिली तथा राज्य सरकार ने 13 आपराधिक मामलों में मिली जमानत निरस्त करने की अर्जी दाखिल की है।

कोर्ट का कहना था कि याची की बहस व राज्य सरकार द्वारा पेश तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने जानकारी मांगी और कोर्ट ने सरकार को ऐसा कोई आदेश नहीं दिया बल्कि सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का जिक्र किया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत के बाद लगातार अपराध करने वाले की जमानत निरस्त की जानी चाहिए। जमानत पर छूटने के बाद अपराध करने वाले को जमानत न देना कई जिंदगियों को बचाने जैसा है। रामकिशन सिंह की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने सुनवाई की। राज्य सरकार की तरफ से अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने कोर्ट को बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।

आगे स्लाइड में जानिये प्रदेश में खनन पर कोर्ट का रुख...

खनन पर सुनवाई

प्रदेश में बालू खनन को लेकर दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस ने 19 अप्रैल को सुनवाई का आदेश दिया है। मंगलवार को चीफ स्टैंडिग काउन्सिल, रमेश उपाध्याय ने कोर्ट से अनुरोध किया कि सरकार खनन के मामले में कोर्ट के समक्ष लम्बित मुकदमों की सुनवाई चाह रही है। कोर्ट के पूछने पर उपाध्याय ने कहा कि सरकार ने नयी नीति तैयार की है। इस नाते इस मामले पर नये नियमों के अनुसार सुनवाई की जरूरत है। चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कहा है कि वर्तमान सरकार की यदि कोई नीति खनन को लेकर है तो कोर्ट सभी याचिकाओं पर सुनवाई कर याचिकाओं का निस्तारण कर देगी। मालूम हो कि हाईकोर्ट ने अवैध खनन को लेकर प्रदेश मे बालू खनन पर रोक लगा रखी है। इस कारण बालू के अभाव के चलते सारे प्रोजेक्ट्स रूके हुए हैं।

zafar

zafar

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!