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HC ने कहा-रजिस्ट्री विभाग में गलत नियमितीकरण, क्यों न हो अफसरों से वसूली
सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून 1991 के पहले लगातार सेवारत दैनिक कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 1991 के बाद नियुक्त दैनिक कर्मियों के नियमितीकरण पर सचिव को कार्यवाही करने का निर्दश दिया था। कोर्ट ने कहा कि जो 1991 में कार्यरत नहीं थे उनको नियमित नहीं किया जाना चाहिए था।
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने प्रदेश के रजिस्ट्रेशन विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने में व्यापक गड़बड़ी के खिलाफ याचिका पर कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के खगेश कुमार केस के फैसले का कड़ाई से पालन करने का अवसर दिया है। साथ ही विभाग के सचिव से जवाब मांगा है कि क्यों न नियमित कर्मचारियों को गलत ढंग से मिले भुगतान की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन से की जाए।
रजिस्ट्रेशन विभाग का मामला
-यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खण्डपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपीलों की सुनवाई करते हुए दिया है।
-कोर्ट ने 7 जुलाई को सचिव से पूछा था कि 13 दिसंबर 10 का शासनादेश इस मामले में कैसे लागू होगा?
-सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून 1991 के पहले लगातार सेवारत दैनिक कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया था।
-कोर्ट ने 1991 के बाद नियुक्त दैनिक कर्मियों के नियमितीकरण पर सचिव को कार्यवाही करने का निर्दश दिया था।
-कोर्ट ने कहा कि जो 1991 में कार्यरत नहीं थे उनको नियमित नहीं किया जाना चाहिए था।
संशोधन गलत
-कोर्ट ने मामले में सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
-याचिका की अगली सुनवाई 22 नवम्बर को होगी।
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