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जवाहरबाग कांड: CBI की रिपोर्ट से हाईकोर्ट नाखुश, पूछा- आखिर आप कर क्या रहे हैं?
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा जवाहरबाग कांड की सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को संतोषजनक नहीं माना और नाराजगी प्रकट की। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 9 मई तय करते हुए जांच अधिकारियों को तलब किया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने विजयपाल सिंह तोमर सहित अन्य की जनहित याचिकाओं पर दिया है। सीबीआई के वकील अमित मिश्र ने जवाहरबाग कांड की प्रारंभिक सील बंद रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने रिपोर्ट देखी और दोबारा सीलबंद कर दिया। कोर्ट ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा, कि कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है।
दो टीमें कर रही है जांच
सीबीआई के वकील ने बताया, कि दो टीमें गठित की गई है। पहली टीम, दो जून 2016 की घटना व सरकार की कार्यवाही की प्रारंभिक जांच कर रही है, जबकि दूसरी टीम, स्पेशल क्राइम ब्रांच नई दिल्ली ने प्राथमिकी दर्ज कर नियमित जांच कर रही है। जांच पूरी करने के लिए उन्होंने छह माह का समय भी मांगा है।
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डीएनए रिपोर्ट पर मौन क्यों?
कोर्ट ने कहा, कि 'महाधिवक्ता ने कहा था कि मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव सहित परिवार के सदस्यों की डीएनए जांच लखनऊ व हैदराबाद भेजी गई है। 15 दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी।' कोर्ट ने कहा, कि दो मार्च को सीबीआई को जांच सौंपी गई। दो माह बाद भी वह डीएनए रिपोर्ट पर मौन है।
आखिर सीबीआई कर क्या रही है?
कोर्ट ने आगे कहा कि स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सीबीआई की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। आखिर सीबीआई क्या कर रही है? ज्ञात हो, कि मथुरा के जवाहरबाग मामले में पुलिस ने 101 लोगों को आरोप पत्र दिया था। यह मामला कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट ने सीबीआई को घटना व सरकार के कदमों की जांच सौंपते हुए दो माह में रिपोर्ट मांगी थी।
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