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कुलभूषण से जुड़ी याचिका पर HC ने कहा- केंद्र बातचीत का सहारा ले करे जाधव को बचाने का प्रयास
लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार से अपेक्षा की है कि अंतरराष्ट्रीय संधियों, समझौतों और कानूनों के तहत कूलभूषण जाधव को बचाने का प्रयास करे। कोर्ट का मानना था कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं या अदालतों को निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है। परंतु, यह सरकार का दायित्व है कि वह अपने नागरिक को बचाने का पूरा प्रयास करे।
हाई कोर्ट ने यह निर्देश जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता एसके गुप्ता की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया। याचिका में कहा गया कि पाकिस्तानी अदालत ने अवैध तरीके से कुलभूषण को फांसी की सजा सुनाई है। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र सरकार को कुलभूषण जाधव को छुड़ाने का निर्देश दिया जाए।
मामला दूसरे देश का, नहीं दे सकते आदेश
अपने आदेश में कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इसी प्रकार के एक आदेश का जिक्र करते हुए कहा, कि चूंकि मामला दूसरे देश का है इसलिए वह इस संबंध में आदेश नहीं कर सकता। हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार से उम्मीद जताई है कि वह अंतरराष्ट्रीय संधियों, समझौतों और कानूनों का सहारा लेते हुए कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि इस संबंध में समझौते का भी विकल्प अपनाया जाए।
याची में कुलभूषण के लिए पिछले साल भी दी थी याचिका
गौरतलब है कि याची ने पिछले साल मई महीने में भी कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। जिसमें पाकिस्तान के आर्मी चीफ, आईएसआई प्रमुख समेत आतंकी हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कुलभूषण जाधव को अवैध हिरासत में लेने का आरोप लगाया गया था। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया था कि ईरान की सरकार ने भी कुलभूषण जाधव को खुफिया एजेंट बताने के पाकिस्तान के दावे को नकार दिया है। यही नहीं, पाकिस्तान के एक प्रांतीय मंत्री निसार अली खान ने भी ट्विट कर कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी को अवैध बताया है।
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