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सिर्फ 19 साल बाद ! मारपीट करने के मामले में कंछल गए जेल
लखनऊ : अपर सत्र न्यायाधीश उमाशंकर शर्मा ने व्यापार कर के आफिस में मारपीट, तोडफोड़ व आगजनी करने के दो मामलो में व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया। जिसके बाद उन्हे जेल भेज दिया गया। जबकि एक मामले में मंजूर कर ली। उन्होंने इसके साथ ही इनमें से एक मामले में कंछल के साथ आत्मसमर्पण करने वाले चार अन्य अभियुक्त हुकुम चंद्र अग्रवाल, देशराज अग्रवाल, श्रीनिवास अग्रवाल व राजेंद्र अग्रवाल की भी अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। उन्होंने नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। अंतरिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद कंछल समेत सभी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल जाना पड़ा।
गत 13 अक्टूबर को सीबीसीआईडी की विशेष अदालत ने इस मामले में कंछल समेत सभी अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यह सभी अभियुक्त इस मामले में गैरहाजिर चल रहे थे।
शनिवार की सुबह बनवारी लाल कंछल समेत सभी अभियुक्तों ने सीबीसीआईडी की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया और जमानत पर रिहा किए जाने की मांग की। कंछल ने जहां तीन मामलों में आत्मसमर्पण किया वहीं अन्य चार अभियुक्तों ने एक मामले में आत्मसमर्पण किया था।
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीता सिंह ने सभी अभियुक्तों का आत्मसमर्पण स्वीकार करते हुए उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके तत्काल बाद अभियुक्तों की ओर से सत्र अदालत में अर्जी दाखिल कर अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई गई।
दरअसल 12 अगस्त, 1998 को लाठी-डंडा व असलहों से लैस होकर मुल्जिम व्यापार कर भवन में घुस गए थे। वहां अधिकारियों से गाली गलौज करने लगे। उन्हें बुरी तरीके मारकर घायल कर दिया व उन्हें जान से मारने की धमकी दी। व्यापार कर भवन में लगे शीशे परिसर में खडे सभी वाहनों को भी तोड़ दिया। साथ ही व्यापार कर अधिकरण के चेयरमैन की गाड़ी को भी जला दिया था।
19 साल पुराने यह तीनों मामले थाना हजरतगंज से संबधित हैं। इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज हुए थे। एक एफआईआर व्यापार कर के तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर (प्रशासन) एमएम कटियार ने दर्ज कराई थी। दूसरी थाना हजरतगंज के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रमेश प्रताप सिंह जबकि तीसरी एसएसआई रमेश चंद पुष्कर ने दर्ज कराई थी। 18 अप्रैल व 12 नवंबर, 2006 को सीबीसीआईडी ने इन तीनो मामलों में अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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