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हाईकोर्ट ने कहा- शिक्षा बोर्ड नाम की गलती सुधारने से नहीं कर सकता इंकार
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने कहा है कि बोर्ड में नाम दर्ज करने में हुई गलती को दुरुस्त करने की अर्जी इस आधार पर निरस्त नहीं की जा सकती कि अर्जी नियत समय के भीतर नहीं दाखिल की गई है। यह नहीं कहा जा सकता कि गलती सुधारने की समय सीमा खत्म होने के बाद त्रुटि सुधार कराने का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने सहायक निदेशक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, इलाहाबाद को निर्देश दिया है कि याची के पिता के नाम की गलती में सुधार करे और प्रमाणपत्र जारी करे। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने हाथरस के रजत यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
क्या है मामला?
हाईकोर्ट ने पिता के नाम की गलती दुरुस्त करने की अर्जी देने में देरी के आधार पर अस्वीकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है। मालूम हो कि याची के पिता शिवराम सिंह यादव केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में हेड कांस्टेबल हैं। जब वे मध्यप्रदेश में तैनात थे तो याची केंद्रीय विद्यालय, सिंगरौली में पढ़ता था। वहां से स्थानान्तरित होकर उसने मूलचंद पब्लिक स्कूल, सिकंदराबाद राव, हाथरस में प्रवेश लिया।
बोर्ड ने ये दी थी दलील
उसे पता चला कि हाईस्कूल प्रमाण पत्र में उसके पिता का नाम 'शिवचैहान सिंह' लिखा है। उसने बोर्ड में नाम दुरुस्त करने की अर्जी दी। कॉलेज के प्रिंसिपल ने भी अनुरोध पत्र भेजा। लेकिन बोर्ड ने यह कहते हुए खारिज कर दी, कि गलती सुधारने की अर्जी प्रमाण पत्र जारी होने के एक साल के भीतर दी जानी चाहिए थी।
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