शर्मनाक ! यूपी पुलिस पर चला हाईकोर्ट का डंडा, जानिए आखिर क्यों

Rishi
Published on: 13 Nov 2017 10:07 PM IST
शर्मनाक ! यूपी पुलिस पर चला हाईकोर्ट का डंडा, जानिए आखिर क्यों
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इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी पुलिस अधिकारियों द्वारा नर्सिंग कोर्स कर रही बलिया की छात्रा का शोषण करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी की विवेचना ठीक से न होने की शिकायत को लेकर दाखिल याचिका पर एसएसपी वाराणसी से दो हफ्ते में कृत कार्यवाही की जानकारी के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति बी.के सिंह की खण्डपीठ ने पीड़िता लड़की की याचिका पर दिया है। याचिका में पुलिस कर्मियों की ब्लैकमेलिंग से सुरक्षा देने तथा प्राथमिकी की जांच सीबीसीआईडी से कराने की मांग की है।

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मालूम हो कि याची बारहवीं की पढ़ाई के बाद प्राइवेट कालेज में नर्सिंग कोर्स के लिए प्र्रवेश लिया। पांडेयपुर वाराणसी के राजेश कुमार के घर में बतौर किरायेदार के रूप में निवास कर रही थी। जून 2016 में मकान मालिक ने उसके साथ छेड़छाड़ की। प्राथमिकी दर्ज नहीं की। शांतिभंग का चालान काट कर छोड़ दिया। 30 जून 2016 मकान मालिक ने याची के खिलाफ फर्जी आरोप से धन उगाही के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी।

इस केस में एस आई कैंट थाना विनोद सिंह व के.पी सिंह (वर्तमान में लंका थाना इंस्पेक्टर) दोनों ब्लैकमेल करने लगे। अश्लील वाट्स एप्प पर मैसेज भेज कर परेशान करने लगे। इसकी शिकायत 23 अगस्त 2016 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई। विवेचना कुछ नहीं हो रही मकान मालिक के केस में याची के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गयी। याची को अकेले में बुलाते थे। उसके साथ ज्यादती की। याची अधिवक्ता भुवन राज का कहना है कि पुलिस अधिकारी आरोपी है, लड़की की प्राथमिकी की विवेचना न कर उस पर प्राथमिकी वापस लेने का दबाव डाल रही है। उनकी बात न मानने पर मकान मालिक द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर याची के खिलाफ चार्ज सीट दाखिल कर दी है। वाट्स एप्प मैसेज में अश्लील पोस्ट भेज इसे बलिया से वाराणसी बुलाते थे।

तीन अधिकारियों सहित एसएसपी तलब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपहृत नाबालिग लड़की की बरामदगी करने में नाकाम एसपी सिटी व धूमनगंज खुल्दाबाद थाना इंचार्ज को कड़ी फटकार लगायी और 20 नवम्बर तक हर हाल में लड़की को पेश करने तथा सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि यदि 20 नवम्बर तक पुलिस लड़की को पेश करने में नाकाम रहती है तो कोर्ट डीजीपी को तलब कर पुलिस के खिलाफ कार्यवाही करने व स्वयं की निगरानी में लड़की की बरामदगी सहित आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करायेंगे। कोर्ट ने अगली तिथि को तीन पुलिस अधिकारियों सहित एसएसपी इलाहाबाद को तलब किया है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खण्डपीठ ने धूमनगंज निवासी वसीम फातिमा की याचिका पर दिया है। कोर्ट में हाजिर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है। तीन चार दिन में लड़की भी बरामद कर ली जायेगी।

धूमनगंज थाना प्रभारी ने बताया कि 12 गैर जमानती वारण्ट अभी तामील होना है। जब कोर्ट ने आरोपियों के नाम पूछे तो नहीं बता सके। इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के नाम नहीं जानते तो वे उन्हें गिरफ्तार क्या करेंगे। कोर्ट ने कहा कि सरकार भी मजबूर है कि निकम्मे पुलिस अधिकारियों को कहां ले जाय। ऐेसे लोग बर्खास्त हो या रिटायर किये जाय। कोर्ट ने कहा वकील को धमकाना आपराधिक अवमानना है।

कोर्ट ने कहा कि दोनों थानों में अपराध ज्यादा क्यों है। अनिल तिवारी ने कोर्ट को बताया कि धूमनगंज एसएचओ तहरीर बदलने का दबाव डालते हैं। प्राथमिकी दर्ज करने गये वकील के सामने दरोगा आरोपी से फोन पर बात करते हैं। कोर्ट ने कहा कि निर्देशों का पालन करें नही ंतो दोनों थानों के पुलिस प्रभारियों की आय की जांच करायी जायेगी। कोर्ट ने एसएसपी से कहा कि लापरवाह पुलिस पर कार्यवाही करे।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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