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मजलूम इमाम की याद में शब्बेदारी: हिंदू नौहा खान ने पढ़ा कुछ ऐसा कि हर कोई सोचने पर हुआ मजबूर
सुल्तानपुर: हिंदू-मुस्लिम एकता एवं गंगा-जमुनी तहजीब के लिए पहचाने जाने वाले हिंदुस्तान जैसे मुल्क में बुधवार को एक बार फिर मुहर लगी। शहर के दरगाह हजरत इमाम हुसैन में आयोजित शब्बेदारी और जुलूस में उस समय चार चांद लग गया जब जगदीशपुर जाफरगंज की अंजुमन के हिंदू नौहा खान परवेश ने अपना कलाम पेश किया।
हम हिंदू जिक्रे सरवर से किस्मत को बनाया करते हैं
दरगाह हजरत इमाम हुसैन अ.स.करबला गभड़िया सुलतानपुर में बुधवार देर रात आयोजित शब्बेदारी और जुलूस में अपना कलाम पेश करते हुए हिंदू नौहा खान परवेश ने कहा 'हम हिंदू जिक्रे सरवर से किस्मत को बनाया करते हैं, ये कैसे मुस्लमां हैं आकर बिदअत जो बताया करते हैं'। परवेश ने पढ़ा कि 'सरवर से मिली औलाद हमें, सरवर से हमें संसार मिला, हम जिसकी खाया करते हैं उसकी ही गाया करते हैं'।
इससे पूर्व एक मजलिस का आयोजन हुआ जिसको मौलाना सेराज हुसैन कलकत्ता ने खेताब किया। मौलाना ने जंगगे कर्बला पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके बाद शबीह ताबूत हजरत इमाम जैनुलआबदीन अ.स. निकाला गया। रात भर शब्बेदारी हुई जिसमें मुकामी व बाहरी अंजुमनें ने नौहा मातम किया। संचालन अनीस जायसी ने किया। इसके बाद सुबह जुलूस उठकर दरगाह हजरत अब्बास अ.स. गभडिया पर खत्म हुआ, दौराने जुलूस मौलाना मो.जाफर, मौलाना सैयद असगर नकी की तकरीर हुई और जुलूस में अलम और खैमये हुसैनी की जियारत कराई गई।
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