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IAS और IPS एसोसिएशन में ट्विटर वार, डीएनए तक पहुंची बात
यूपी में आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच शुरू हुआ विवाद थमता नहीं दिख रहा है। अब आईपीएस और आईएएस एसोसिएशन के बीच ट्विटर वार शुरू हो चुका है। बीते दिन आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच हुए दोस्ताना क्रिकेट मैच में आईपीएस-इलेवन की जीत पर आईपीएस एसोसिएशन ने खुशी जाहिर करते हुए ट्विट किया कि 'हमारा डीएनए सही है, इस समय हम अच्छे हैं।' इस पर आईएएस एसोसिएशन ने तुरंत जवाब दागते हुए कहा कि 'डीएनए हमेशा अच्छा होता है, पर दोस्ताना क्रिकेट मैच को डीएनए टेस्ट में बदलने की जरूरत नहीं है।'
लखनऊ: यूपी में आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच शुरू हुआ विवाद थमता नहीं दिख रहा है। अब आईपीएस और आईएएस एसोसिएशन के बीच ट्विटर वार शुरू हो चुका है।
बीते दिन आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच हुए दोस्ताना क्रिकेट मैच में आईपीएस-इलेवन की जीत पर आईपीएस एसोसिएशन ने खुशी जाहिर करते हुए ट्विट किया कि 'हमारा डीएनए सही है, इस समय हम अच्छे हैं।' इस पर आईएएस एसोसिएशन ने तुरंत जवाब दागते हुए कहा कि 'डीएनए हमेशा अच्छा होता है, पर दोस्ताना क्रिकेट मैच को डीएनए टेस्ट में बदलने की जरूरत नहीं है।'
आईपीएस एसोसिएशन ने क्रिकेट मैच की जीत का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि यूपी आईपीएस क्रिकेट टीम ने यूपी आईएएस टीम पर जीत दर्ज की। आईएएस-इलेवन की तरफ से 20 ओवर में सिर्फ 144 रन बनाकर हमारी जीत के लिए एक आसान लक्ष्य सामने रखा। आईपीएस-इलेवन टीम ने सिर्फ 15 ओवर में एक विकेट खोकर जीत दर्ज की इस पर आईएएस एसोसिएशन की तरफ से तुरंत जवाब भी आया कि बहुत अच्छा बधाई हो। डीएनए हमेशा अच्छा होता है, पर एक दोस्ताना क्रिकेट मैच को डीएनए टेस्ट में बदलने की जरूरत नहीं है।
दरअसल, बीते सात सिंतबर को चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार ने एक पत्र लिखकर जिलों मे कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की निगरानी के लिए एक नई व्यवस्था का खाका खींचा। पत्र के मुताबिक हर महीने की सात तारीख को पुलिस लाइन में डीएम की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था की बैठक होगी। इसमें एसपी, एएसपी, डिप्टी एसपी और सभी थानेदार मौजूद रहेंगे। इसी दिन विकास कामों की समीक्षा बैठक भी होगी।फिर 10 तारीख को मंडलायुक्त और 15 तारीख को चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई में बैठक होगी। जिसमें सभी कमिश्नर, आईजी, डीआईजी और सभी विभागों के मुखिया मौजूद होंगे। इस पत्र के बाहर आते ही ब्यूरोक्रेसी के अंदरखाने इस पर बहस शुरू हो गई तो इसके ठीक दो महीने बाद सात नवम्बर को डीजीपी सुलखान सिंह ने यूपी सरकार को अपने सुझाव समेत एक पत्र भेजा। इसमें कहा गया कि कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में थानेदारों को नहीं बुलाया जाए। मामला तूल पकड़ता देख प्रमुख सचिव गृह ने इसे ठंडा करने की कोशिश की कहा शासन नये शासनादेश को लेकर विचार कर रहा है। उधर आईपीएस एसोसिएशन ने आपात बैठक बुला ली और इस पर अपना विरोध जताया। आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच तभी से यह खींचतान जारी है।
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त भी ठीक इसी तरह पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक जनसभा में बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा था कि उनके डीएनए में कुछ गड़बड़ है। तबसे सियासी वार में नेता एक दूसरे पर डीएनए वार करते रहे हैं। पहली बार इसकी झलक यूपी ब्यूरोक्रेसी की खींचतान में भी दिखाई दे रही है।
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