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IPS सुरेंद्र दास के ससुर का खुलासा- परिवार दिवंगत सुरेंद्र को पैसा कमाने की मशीन समझता था
कानपुर: आइपीएस सुरेन्द्र दास के सुसाईड की गुत्थी अभी भी रहस्य बनी हुयी है। सुरेन्द्र के भाई ने कानपुर के एसएसपी को सुसाईड की वजह को सुलझाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इस घटना की जाँच एसएसपी अनंत देव ने एसपी वेस्ट संजीव सुमन को सौंपी है। सोमवार को दिवंगत आइपीएस सुरेंद्र दास के ससुर रावेन्द्र सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आइपीएस सुरेन्द्र का परिवार उन्हें मात्र पैसा कमाने वाली मशीन समझता था। दबाव बनाकर भाई उनसे रुपया ऐंठता था। इसके साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते में दरार डालने का भी काम करते थे।
आईपीएस अफसर ने किया था सुसाइड
आईपीएस सुरेन्द्र दास कानपुर में एसपी ईस्ट के पद पर तैनात थे। सुरेन्द्र दास ने बीते 5 सितम्बर की सुबह सल्फास खा कर सुसाईड करने का प्रयास किया था। आईपीएस की पत्नी डॉ रवीना सिंह ने उन्हें रीजेंसी हास्पिटल में एडमिट कराया था। उनके उपचार के लिए मुंबई से डाक्टरों का पैनल भी आया था। 5 दिनों तक उनका उपचार चलता रहा और 9 सितम्बर को उनका देहांत हो गया था। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने आईपीएस सुरेन्द्र दास के सरकारी आवास पर जाकर जांच की थी, तो वहां पर पुलिस को सुसाईड नोट और सल्फास के पैकेट बरामद हुए थे। इसके साथ ही उनके दोनों टूटे हुए मोबाइलों को भी पुलिस ने बरामद किया था।
पहले मोनिका से तय हुई थी शादी
आइपीएस सुरेन्द्र दास के ससुर रावेन्द्र सिंह ने बताया कि हमारी बेटी रवीना से शादी तय होने से पहले सुरेन्द्र दास की शादी मोनिका नाम की लकड़ी से तय हुयी थी। सुरेन्द्र की मोनिका से वैवाहिक रस्में भी हुई थीं। लेकिन सुरेन्द्र के बड़े भाई नरेन्द्र दास, भाभी नेहा और माँ इंदुवती के दबाव की वजह से ये रिश्ता टूट गया था। मोनिका के पिता द्वारा जो राशि और उपहार दिया गया था, वो सभी उनके भाई नरेन्द्र ने रख लिया था। जबकि मोनिका के पिता ने उपहार मांगे थे। लेकिन उन्होंने वापस नहीं किये थे।
भाई पर उठाए सवाल
सुरेंद्र दास के ससुर ने बताया कि सुरेन्द्र दास के बड़े भाई नरेन्द्र दास उनके आईपीएस बनने से पहले प्राइवेट नौकरी करते थे। जब वो आइपीएस बने तो अपने वेतन की कुछ धनराशि अपने पास रखते थे और बाकि धनराशि अपने भाई को दे देते थे। इसके बाद उन्होंने अपने बड़े भाई के लिए टिम्बर और ग्रिल वेल्डिंग का काम शुरू कराया। इसके बाद लखनऊ स्थित आवास का निर्माण कराया।
सुरेन्द्र और रवीना की शादी मैट्रीमोनियल साईट से तय हुई थी। सुरेन्द्र दास ने रवीना को पसंद किया था, लेकिन नरेन्द्र दास, भाभी नेहा और माँ इन्दुवती इस सम्बन्ध के लिए तैयार नहीं थीं। लेकिन बाद में सुरेन्द्र दास ने माँ इंदुवती को इस शादी के लिए राजी कर लिया था। भाई और भाभी की मर्जी के खिलाफ उन्होंने 9 अप्रैल 2017 को लखनऊ के एक होटल में शादी की थी। इस शादी में सुरेन्द्र दास के परिवार ने किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं की थी। बल्कि सुरेंद्र ने बड़े भाई को रवीना के लिए उपहार खरीदकर खुद दिया था। जिसकी रिकार्डिंग भी उनके पास है।
बेटी के साथ होता था दुर्व्यवहार
रावेंद्र सिंह ने बताया कि शादी के बाद जब बेटी ससुराल में रुकी तो उसके साथ नरेन्द्र और उनकी पत्नी नेहा ने अच्छा व्यव्हार नहीं किया था। उसको नाश्ता तक नहीं देते थे। ये बात जब रवीना ने सुरेन्द्र को बताई तो दोनों भाइयो के बीच विवाद हुआ था। शादी के बाद सुरेन्द्र और रवीना सिक्किम घूमने गए थे। सिक्किम में उनके पास उनकी भाभी का फोन आया था। उन्होंने सुरेन्द्र से पैसों की डिमांड की थी। भाभी के फोन के बाद उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गयी थी और वो बहुत परेशान हो गए थे।
लखनऊ का प्लाट बेचने पर हुआ था विवाद
रावेंद्र सिंह ने बताया कि नरेन्द्र दास लखनऊ का प्लाट बेंचना चाहते थे। लेकिन सुरेन्द्र दास उस प्लाट को नहीं बेचना चाहते थे। रवीना ने सुरेन्द्र दास को समझाया था कि ये प्लाट ससुर की देन है इसे नहीं बेचना है। इस बात को लेकर दोनों भाइयों के बीच जमकर विवाद हुआ था। नरेन्द्र दास अपने बिजनेस का पैसा ,माँ की पेंशन का पैसा और सुरेन्द्र दास द्वारा दिए गए पैसे का कभी भी हिसाब नहीं देते थे। इसके साथ ही सुरेन्द्र दास पर भाई नरेन्द्र, भाभी और माँ दबाव बनाते थे कि रवीना से ज्यादा मतलब नहीं रखें। जब उनकी तैनाती सहारनपुर में थी तो वो छुट्टी में चुपचाप कानपुर आ जाते थे और कहते थे कि माँ और भाई को यह बात मत बताना। आखिर ऐसा वो क्यों करते थे।
जब परिवार द्वारा पत्नी से लगातार अलग होने का दबाव बनाया जा रहा था तो सुरेन्द्र दास ने अपनी बहन सावित्री को दुखी होकर 30 मार्च 2018 को फोन किया था। उन्होंने बहन को धमकी देते हुए कहा कि परिवार के सदस्यों को मार कर खुद भी मर जाऊंगा। जिसकी रिकार्डिंग सीडी में मेरे पास है और आप को भी दे सकता हूँ।
बीते 3 सितम्बर को सुरेन्द्र और रवीना जन्माष्टमी की तैयारियों के लिए बाजार गए थे। सजावट का सामान ले कर आये तो मैं भी उनके घर गया था। पूजा-पाठ करने बाद सभी कर्मचारियों को प्रसाद वितरण किया था। इसके बाद 5 सितम्बर की सुबह 4;12 बजे मेरे पास फोन आया था कि कि सुरेन्द्र ने जहरीला पदार्थ खा लिया। मैंने बेटी से कहा पहले उर्सला अस्पताल ले जाओ मैं भी आ रहा हूँ। लेकिन वहां उपचार सही नहीं था तो उन्हें रीजेंसी हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनके सरकारी आवास में जो उल्टियां पुलिस को मिली थीं, वो मेरी बेटी ने उनका जीवन बचाने के लिए कराई थीं। वहां से मिले सुसाईड नोट में लिखा था कि आई लव यू रवीना, रवीना इज नॉट रिस्पांसिबल फॉर माई सुसाईड। मेरी बेटी उनकी मौत की कहां से जिम्मेदार है। सुरेन्द्र दास ने 22 जुलाई 2017 को रवीना को एक ई-मेल भेजा था। जिसमें उन्होंने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए सुसाईड करने की बात लिखी थी। ये मेल पढ़ कर बेटी ने सुरेन्द्र को बहुत समझाया थाl
सुरेन्द्र के ईलाज में बेटी ने 6 लाख रुपये खर्च किये हैं और सुरेन्द्र का परिवार मीडिया में आ कर अनर्गल बयान बाजी कर रहा था। बेटी को बदनाम करने का काम किया जा रहा था। सुरेन्द्र का परिवार उन्हें पैसा कमाने की मशीन समझता था। उन पर रुपये मांगने का दबाव बनाया जाता था। जिसकी वजह से वो मानसिक रूप से परेशान रहते थे। उनकी माँ इंदु कभी भी बेटे से मिलने के लिए नहीं जाती थीं। सहारनपुर और आंबेडकर नगर में जब उनकी पोस्टिंग थी तो सुरेन्द्र ने कई बार माँ को बुलाया लेकिन वो कभी वहां मिलने नहीं पहुंची। वो हमेशा इस बात से भी दुखी रहते थे।
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