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कर्मचारियों के लिए एक जुलाई का दिन होगा ख़ास, मनाया जाएगा 'कर्तव्य दिवस'
इप्सेफ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमचंद्र ने बताया कि ‘‘कर्तव्य दिवस’’ में अपने कर्तव्यों को जनता के प्रति, समाज के प्रति, देश के प्रति तथा परिवार के प्रति अपने दायित्वों का निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन करने का संकल्प लिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर देशभर के कर्मचारी पहली जुलाई को ‘‘कर्तव्य दिवस’’ मनाएंगे। यह निर्णय इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं गुजरात आदि राज्यों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
पहली जुलाई को इप्सेफ मनायेगा ‘‘कर्तव्य दिवस’’
इप्सेफ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमचंद्र ने बताया कि ‘‘कर्तव्य दिवस’’ में अपने कर्तव्यों को जनता के प्रति, समाज के प्रति, देश के प्रति तथा परिवार के प्रति अपने दायित्वों का निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन करने का संकल्प लिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि महामारी कोरोना-19 में मरीजों को स्वस्थ करने में लगे डॉक्टरों, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय एवं सफाई कर्मचारी तथा अन्य तकनीकी कर्मचारियों का देश भर के मुख्यालयों में तथा जनपदीय अस्पतालों व संस्थानों के कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा और उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
कोरोना योद्धाओं समेत अन्य कर्मचारियों का होगा सम्मान
इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने बताया कि यह कार्यक्रम इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जनता में कर्मचारियों के प्रति दुर्भावनापूर्ण प्रचार करके उनकी छवि को खराब किया जाता है। जबकि वास्तव में देश भर के कर्मचारी ही गांव से लेकर सचिवालय तक पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि कई राज्यों से शिकायत की गई कि लगभग 60 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं, जिसके कारण कर्मचारियों के ऊपर कार्यभार बढ़ता गया है। इसके अलावा केंद्र की भांति बहुत सी सुविधाएं नहीं मिल रही है ।
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राज्यों कर्मचारियों की समस्याओं पर प्राथमिकता से दिया जाएगा ध्यान
वीपी मिश्र ने राज्यों के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि लॉकडाउन और कोरोना की बीमारी की समाप्ति पर राज्यों के कर्मचारियों की समस्याओं पर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने देश व प्रदेशों की सरकारों को विश्वास दिलाया कि देश पर आए संकट में करोड़ों कर्मचारी अपने सेवाएं दे रहे हैं और देते रहेंगे। सरकारें भी कर्मचारियों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें तो इससे जनता में अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि लाक डाउन के दौरान इप्सेफ द्वारा कोई आंदोलनात्मक कार्यक्रम नहीं किया गया है।
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