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Jalaun News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर हिंदू रक्षा समिति ने निकाली आक्रोश यात्रा, दिया ज्ञापन
Jalaun News: बांग्लादेश सरकार ने बांग्लादेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इरकॉन के भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की।
Jalaun News: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कांस्टेबुलरी द्वारा की जा रही हत्या, लूटपाट व महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में हिंदू संगठन ने आक्रोश यात्रा निकाली। यात्रा मुख्य मार्ग से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची जहां उन्होंने धरना दिया और मांग की कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। केंद्र सरकार सन्यासी चिन्मय कृष्णदास प्रभु को भी जल्द से जल्द बांग्लादेश से रिहा कराए। आक्रोश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। अंत में संगठन ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
जालौन में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार हिंदू रक्षा समिति ने आक्रोश यात्रा निकाली। सभी संगठनों के कार्यकर्ता टाउन हॉल में एकत्र हुए जहां से यात्रा शुरू हुई और भगत सिंह चौराहा व अंबेडकर चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसके बाद यात्रा धरने में तब्दील हो गई। वहीं, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष गुरु प्रसाद शर्मा ने जुलूस को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे हमले, हत्या, लूटपाट, आगजनी और महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार को रोकने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।
वहीं, बांग्लादेश सरकार ने बांग्लादेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इरकॉन के भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की। गुरु प्रसाद ने कहा कि इसे रोकने के बजाय बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां मूकदर्शक बनी बैठी हैं। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर बंगाल सरकार से अत्याचार रोकने को कहें और इरकॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को भी तत्काल रिहा करें और हिंदू पुजारियों, हिंदू संतों और धर्म गुरुओं को बिना कारण गिरफ्तार करने की उत्पीड़न और सकारात्मक कार्रवाई को भी रोकें।
भारत सरकार को गंभीर और जिम्मेदार पहल करनी चाहिए। अंत में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया। इस दौरान हिंदू संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस पूरी तरह सतर्क रही। कलेक्ट्रेट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया।