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गंगा की लहरों को चीरते हुए कानपुर से काशी पहुंची जलपरी, विवादों से भी घिरीं
नन्हीं जलपरी के नाम से मशहूर कानपुर की रहने वाली 11 साल की श्रद्धा शुक्ला मंगलवार की शाम उफनाती गंगा नदी को चीरते हुए काशी पहुंची। श्रद्धा ने महज 10 दिनों में कानपुर से वाराणसी तक का 570 किमी. का सफ़र तय किया। श्रद्धा के काशी में पहुंचते ही लोगों के चेहरे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और लोगों ने हर हर महादेव के उद्घोष से श्रद्धा का स्वागत किया। श्रद्धा को देखने के लिए घाटों में बड़ी संख्या में लोग इकठ्ठा हुए। श्रद्धा ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और पीवी सिंधु की तर्ज पर विश्व में अपने बुलंद हौसले के दम पर देश का नाम रोशन करना चाहती है।
वाराणसी: नन्हीं जलपरी के नाम से मशहूर कानपुर की रहने वाली 11 साल की श्रद्धा शुक्ला मंगलवार की शाम उफनाती गंगा नदी को चीरते और सभी विवादों को दरकिनार करते हुए काशी पहुंची। श्रद्धा ने महज 10 दिनों में कानपुर से वाराणसी तक का 570 किमी. का सफ़र तय किया। श्रद्धा के काशी में पहुंचते ही लोगों के चेहरे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और लोगों ने हर हर महादेव के उद्घोष से श्रद्धा का स्वागत किया। श्रद्धा को देखने के लिए घाटों में बड़ी संख्या में लोग इकठ्ठा हुए। श्रद्धा ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और पीवी सिंधु की तर्ज पर विश्व में अपने बुलंद हौसले के दम पर देश का नाम रोशन करना चाहती है।
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फिल्मकार विनोद कापड़ी ने श्रद्धा शुक्ला पर किया था खुलासा
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार और सीनियर टीवी जर्नलिस्ट विनोद कापड़ी ने अपनी आने वाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘जलपरी’ को लेकर श्रद्धा शुक्ला पर खुलासा किया था। कापड़ी ने कहा था कि कानपुर से वाराणसी के गंगा अभियान के दौरान अधिकांश समय वह नाव पर ही बिताती है। वह गंगा में तैराकी के लिए उसी वक्त उतरती है, जब या तो कोई घाट आने वाला होता है या आसपास लोगों की भीड़ होती है। इस पर श्रद्धा के पिता ललित शुक्ल का कहना था कि वाराणसी से वापस लौटकर वह कापड़ी के खिलाफ मानहानि का दावा ठोकेंगे।
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चार साल की उम्र से कर रही हैं तैराकी
श्रद्धा चार साल की उम्र से गंगा में तैराकी कर रही हैं। इस दौरान उसने कई कीर्तिमान बनाए हैं। 9वीं क्लास में पढ़ने वाली श्रद्धा हर साल अपनी क्षमता के आकलन और सरकारी व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए गंगा की उफनाती लहरों में छलांग लगाती हैं। श्रद्धा के पिता और बाबा गोताखोर रहे हैं लेकिन उनकी आंखो में श्रद्धा के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतते देखने का सपना है।
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