TRENDING TAGS :
भदेठी कांड के अभियुक्तों की जमानत मंजूर, फिर भी लटक रही कानून की तलवार
जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थिति भदेठी का चर्चित कांड जो जौनपुर से लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय रहा, इस घटना में अभियुक्त बनाये गये सपा नेता...
जौनपुर: जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थिति भदेठी का चर्चित कांड जो जौनपुर से लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय रहा, इस घटना में अभियुक्त बनाये गये सपा नेता जावेद सिद्दीकी सहित पांच की जमानत होने के बाद भी कानून की तलवार एक बार फिर उनके उपर लटका दी गयी है। ऐसा किसके इशारे पर हुआ है यह तो जांच का बिषय है। लेकिन सरकारी वकील के द्वारा जिलाधिकारी के पास जमानत निरस्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। कानूनी रूप से ऐसा प्रस्ताव आने पर जिलाधिकारी हाई कोर्ट को प्रस्ताव भेजते हैं। हलांकि जमानत मंजूर होने के बाद भी सभी अभियुक्त गैंगेस्टर के आरोप में अभी जेल की सलाखों के पीछे ही कैद है।
ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य विभाग में चली तबादला एक्सप्रेस, 21 मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों का ट्रांसफर
घटना में दस लोगों के घर फूंक दिए गए
बता दें कि डीजीसी अनिल सिंह 'कप्तान' एवं एडीजीसी सुनील अस्थाना ने आज सोमवार को जिलाधिकारी के पास भेजे प्रस्ताव में कहा है कि घटना में दस लोगों के घर फूंक दिए गए थे। 28 लोग घायल हुए जबकि आगजनी में तीन मवेशी जिंदा जल गए थे। सेशन कोर्ट ने भादवि व एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए सपा नेता जावेद सिद्दीकी समेत पांच आरोपितों की जमानत गत 20 जून को मंजूर कर दी थी, जबकि लोक व्यवस्था व राज्य सरकार को हुई काफी क्षति के मद्देनजर यह आदेश औचित्यपूर्ण नहीं है।
ये भी पढ़ें: भारत विरोध पर अलग-थलग पड़े ओली, पीएम को उनके ही विदेश मंत्री ने दी नसीहत
डीजीसी का कहना है कि धारा 436 भादवि व एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों को संज्ञान में नहीं लिया गया। बहस तथा साक्ष्य के आदेश का उल्लेख नहीं किया गया। आरोपित छूटने के बाद वादी व साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं। आरोपितों ने शारीरिक दूरी का जान-बूझकर उल्लंघन किया। घटनास्थल का वीडियो, मृत जानवरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, 28 घायलों की मेडिकल रिपोर्ट पर न्यायालय ने ध्यान नहीं दिया। यह प्रकरण सामाजिक व धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का नमूना है। आरोपितों के कृत्य से लोक व्यवस्था बनाने व दंगा रोकने के लिए पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। इसलिए न्याय हित में आरोपितों की जमानत अर्जी निरस्त होना आवश्यक है।
खबर है कि डीडीसी के प्रस्ताव को जिलाधिकारी ने हाई कोर्ट भेजने का आश्वासन दिया है। ऐसी दशा में हाई कोर्ट सभी की जमानत निरस्त कर सकता है।
रिपोर्ट: कपिल देव मौर्य, जौनपुर
ये भी पढ़ें: India Vs China Dispute : कल हो सकता है बड़ा फैसला, होगी बड़ी बैठक…
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!