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गरीब का आसियाना गिरा कर दबंग ने कर लिया कब्जा, भटक रहे पीड़ित को नहीं मिला न्याय
दबंग जागिर खान नामक व्यक्ति ने गरीब के आशियाने को गिरा कर उस पर कब्जा कर लिया है और पूरे परिवार को घर से मार पीट कर भगा दिया है।
Photo-Social Media
जौनपुर: सरकार गरीबों को न्याय देने के लिए चाहे जितने बड़े दावे करे, लेकिन आज भी गरीबों की सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हो रही है। इसके प्रमाण स्वरूप जनपद जौनपुर के तहसील एवं थाना मड़ियाहूं क्षेत्र स्थित सदर पश्चिम गांव का निवासी अनुसूचित जनजाति का आदिवासी राम आसरे मुसहर का वायरल वीडियो सरकारी तंत्र की पोल खोल रहा है। खबर है कि विगत डेढ़ माह से अपने साथ न्याय के लिए अधिकारियों एवं थाने की चौखट पर एड़िया रगड़ते थक गया उसे किसी भी स्तर से न्याय नहीं मिल सका है।
बनवासी राम आसरे मुसहर अपने वीडियो में साफ कह रहा है कि उसे किसी भी स्तर से न्याय नहीं मिल रहा है। कई पीढ़ियों से जिस जमीन पर झोपड़ी डाल कर बच्चों के साथ मजदूरी करके जीविका चला रहा वर्तमान समय में दबंग जागिर खान नामक व्यक्ति हमारे आशियाने को गिरा कर उस पर कब्जा कर लिया है और हम पूरे परिवार को घर से मार पीट कर भगा दिया है। अपनी जमीन पाने एवं अपने साथ न्याय पाने के लिए थाना कोतवाली मड़ियाहूं की चौखट पर गुहार लगाया वहां के अधिकारी दरोगा हम पूरे परिवार को मार कर भगा दिया।
हमारी जमीन छीन ली गईं और हमको ही थाना के हवालात में डाल दिया गया था। कई बार शिकायती पत्र दिया गया लेकिन हमारे साथ न्याय करने के बजाय हमको ही मार कर भगा दिया जाता है। पीड़ित का कथन है कि उसी जमीन पर हमको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत है उसकी नींव भी पड़ चुकी है लेकिन आवास नहीं बनने दिया गया है।
अनुसूचित जाति का यह पीड़ित कहता है कि जब सभी जगह गुहार लगाने के बाद किसी भी स्तर से न्याय नहीं मिल सका तो अब मजबूर हो कर सगड़ी यानी ठेला पर सामान लेकर अपने परिवार के साथ सड़क पर भटकने को मजबूर हो गया हूँ। अपने साथ न्याय पाने के लिए अब गांव - गांव भटक रहा हूँ कि कोई न्याय दिला दे। अधिकारी तो नहीं सुनें लेकिन घटना जब शोसल मीडिया के संज्ञान में आयी और पूरी घटना का वीडियो वायरल कर दिया तब तहसील मड़ियाहूं के उप जिलाधिकारी ने शोसल मीडिया वालों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दे डाला और कहा कि वीडियो चलाने वालों को जेल भेजवा दूंगा। यहां सवाल इस बात का है कि शोसल मीडिया पर वीडियो वायरल करने वालों पर कार्यवाही की धमकी के बजाय सरकार की मंशा के अनुरूप गरीब को न्याय दिलाने का प्रयास क्यों नहीं किया है। जबरिया गरीब की जमीन कब्जाने वाले दबंग जागिर खान को किसके दबाव में सहयोग कर रहे हैं उसके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं किया गया है।
इस संदर्भ में उप जिलाधिकारी मड़ियाहूं मंगलेश दूबे से बात करने पर उन्हें कहा मुसहर का नाम जमीन पर नहीं है। एसडीएम मड़ियाहूं सायद कानून से मतलब नहीं रखते हैं। कानून कहता है कि यदि किसी की जमीन पर कोई व्यक्ति 12 सालों तक आवादी के रूप में काबिज रहे तो जमीन का वह क्षेत्रफल आवादी घोषित हो जाता है। यह गरीब मुसहर तो कई पीढ़ियों से वहां पर झोपड़ी आवास बना कर काबिज हैं आखिर तहसील के अधिकारी उस जमीन को अपने अधिकार का प्रयोग कर आवादी क्यों नहीं घोषित किया। मंगलेश दूबे ने कहा कि जमीन पर नाम न होने से गरीब की मदद कैसे की जा सकती है। जिस जमीन पर दबंग का सहयोग कर कब्जा करा दिया गया उसी जमीन के नाम पर गरीब का आसियाना बनाने के लिए पीएम आवास योजना से आवास एलाट है।
गरीब और ग्रामीण सभी जमीन को मुसहर राम आसरे का बता रहे हैं अब जमीन कैसे दबंग जागिर खान के नाम हो गयी है कौन जिम्मेदार है यह सब जांच का बिषय है लेकिन अभी तो सवाल यह है कि प्रशासन गरीब को न्याय देगा अथवा सरकार के दावों को झुठलाने का काम करेगा।
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