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Jaunpur News: कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित किसान दिवस में दी गई योजनाओं की विस्तृत जानकारी, जिलाधिकारी ने समस्याओं के त्वरित निस्तारण पर दिया ज़ोर
Jaunpur News: कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से अवगत कराना और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना था।
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Jaunpur News: कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को किसान दिवस का आयोजन जिलाधिकारी डॉ. दिनेशचंद्र की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर कृषि, मंडी परिषद, विद्युत, उद्यान और अन्य विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी किसानों को दी गई।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से अवगत कराना और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना था।
फार्मर रजिस्ट्रेशन है अनिवार्य
अधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे अपनी किसान आईडी अवश्य बनवाएं, क्योंकि पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ केवल रजिस्टर्ड किसानों को ही मिलेगा। इसके लिए गांव-गांव में कैंप लगाकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है।
सिंचाई योजनाओं पर जोर
लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया गया कि किसानों को बोरिंग सुविधा का अधिकतम लाभ दिलाएं। किसान कार्यदिवसों में विकास भवन की तीसरी मंजिल पर पहुंचकर या 8957492996 पर कॉल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करें
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लें और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें, ताकि किसान दिवस आयोजन का उद्देश्य सार्थक हो सके।
गेहूं क्रय केंद्रों की विशेष व्यवस्था
डिप्टी आरएमओ ने बताया कि जनपद में 17 मार्च से गेहूं क्रय केंद्र सक्रिय हैं। इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसान जन सेवा केंद्र, किसान मित्र ऐप या निकटतम धान क्रय केंद्र पर जाकर नि:शुल्क पंजीकरण करा सकते हैं।
किसानों की सुविधा के लिए जिलाधिकारी ने 40 मोबाइल क्रय केंद्रों की स्थापना की है। जहां एक ट्रक गेहूं उपलब्ध होने की संभावना हो, वहां मोबाइल केंद्र जाकर गेहूं की तौल करेंगे। किसान एक दिन पूर्व कंट्रोल रूम नंबर 05452-350857 पर संपर्क कर सकते हैं।
खेती में नवाचार को बढ़ावा
कृषि वैज्ञानिकों ने जायद अभियान के तहत खाली खेतों में मूँग व उर्द की खेती की सलाह दी, जिससे मृदा की उर्वरता बढ़ेगी और खरीफ फसल में बेहतर उत्पादन मिलेगा। किसानों को वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के लिए भी प्रेरित किया गया।