परिवार परामर्श केंद्र: पति-पत्नी में कराया सुलह, एक साल बाद पिता से मिले बच्चे

प्रेमनगर थाना क्षेत्र के हंसारी निवासी विकास पारिवारिक विवादों के चलते एक साल से अपनी पत्नी मीना को लेने ससुराल नहीं गया।

Suman  Mishra
Published on: 18 Oct 2020 9:07 PM IST
परिवार परामर्श केंद्र: पति-पत्नी में कराया सुलह, एक साल बाद पिता से मिले बच्चे
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प्रेमनगर थाना क्षेत्र के हंसारी निवासी विकास पारिवारिक विवादों के चलते एक साल से अपनी पत्नी मीना को लेने ससुराल नहीं गया।

झाँसी सिर्फ एक छोटी से जिद पति लेने आएगा, तभी ससुराल जाऊंगी। इस एक छोटी सी बात की वजह से पति और पत्नी को एक वर्ष तक अलग रखा। दो बच्चे भी इस जिद की वजह से अपने पिता से मिलने से वंचित रख गए। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। महिला पुलिस के समझाने के बाद पति अपनी पत्नी को उसके मायके लेने जाने के लिए तैयार हो गया।

एक साल बाद पिता से मिले बच्चे

प्रेमनगर थाना क्षेत्र के हंसारी निवासी विकास पारिवारिक विवादों के चलते एक साल से अपनी पत्नी मीना को लेने ससुराल नहीं गया। ससुराल वालों ने भी जिद कर रखी थी कि वो बेटी को विकास के साथ ही भेंजेग। मीना दो बच्चों के साथ मायके में ही रह रही थी। यह मामला परिवार परामर्श केंद्र के पास आया। समिति द्वारा सूझबूझ से दोनों पक्षों का समझौता करवाया।

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इसलिए दंपति हुए थे अलग

पुलिस ने बताया कि विकास शराब पीता था। इस बात को लेकर पति और पत्नी के बीच विवाद होता था। बाद में पति कमाने के लिए बाहर चला गया। मीना बच्चों को लेकर मायके चली गई। वापस आने पर विकास अपनी पत्नी मीना को लेने उसके मायके नहीं गया। मीना के परिवार के लोग विकास के आने पर ही बेटी को भेजने के लिए अढ़े रहे। समझौते के बाद विकास पत्नी को लेने जाने के लिए तैयार हो गया।

पांच मामलों में हुआ समझौता'

महिला थाना झाँसी में परिवार परामर्श का आयोजन किया गया जिसमें सात प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। पाँच में समझौता हुआ और दो में अगली तारीख दी गई। इस अवसर पर महिला थाना प्रभारी निरीक्षक पूनम शर्मा, महिला आरक्षी प्रतिम यादव, महिला आरक्षी महिमा कुशवाहा आदि लोग उपस्थित रहे।

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महिला सुरक्षा को लेकर नए सिरे से जारी किया परामर्श

महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए नए सिरे से परामर्श जारी किया और कहा कि नियमों के अनुपालन में पुलिस की असफलता से ठीक ढंग से न्याय नहीं मिल पाता। गृह मंत्रालय ने भेजे निर्देशों में कहा कि सीआरपीसी के तहत संज्ञेय अपराधों में अनिवार्य रुप से प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। परामर्श में कहा गया कि महिला के साथ यौन उत्पीड़न सहित अन्य संज्ञेय अपराध संबंधित पुलिस थाने के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भी होता है तो कानून पुलिस को शून्य प्राथमिकी और प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार देता है।

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निर्देशों में कहा है कि सख्त कानून प्रावधानों और भरोसा बहाल करने के अन्य कदम उठाए जाने के बावजूद अगर पुलिस अनिवार्य प्रक्रिया का अनुपालन करने में असफल होती है तो देश की फौजदारी न्याय प्रणाली में उचित न्याय देने में बाधा उत्पन्न होती है। परामर्श में कहा गया कि ऐसी खामी का पता चलने पर उसकी जांच कर तत्काल संबंधित जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

रिपोर्टर बी के कुशवाहा

Suman  Mishra

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एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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