झांसी: एक जन्म में भी नहीं निभा पा रहे साथ, इस कारण टूट रहीं शादियां

सात जन्मों का साथ देने का वादा कर विवाह के बंधन में बंधने वाले युवा अब कुछ दिनों में ही इस बंधन दूरी बनाने की नौबत तक पहुंच रहे हैं। कारण भी अगर आप जानेंगे तो दंग रह जाएंगे।

Monika
Published on: 14 Feb 2021 10:35 PM IST
झांसी: एक जन्म में भी नहीं निभा पा रहे साथ, इस कारण टूट रहीं शादियां
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झाँसी: सात जन्मों का साथ देने का वादा कर विवाह के बंधन में बंधने वाले युवा अब कुछ दिनों में ही इस बंधन दूरी बनाने की नौबत तक पहुंच रहे हैं। कारण भी अगर आप जानेंगे तो दंग रह जाएंगे। किसी का आरोप है कि पति खर्च के पैसे नहीं देता तो टूर पर न ले जाने के बात पर रिश्ते को तोड़ने तक पर आमदा है। ऐसे में इन्हें समझाने व रिश्तों को जोड़ने का काम कर रहा है परिवार परामर्श केंद्र। जहां प्रत्येक रविवार को पांच-छह परिवारों की काउंसलिंग की जाती है। अधिकांश परिवार ऐसे होते हैं जो सबकुछ भूलकर एक साथ रहने को राजी हो जाते हैं। परिवार परामर्श केंद्र में आज नौ मामले आए। इनमें अधिकांश में पति-पत्नी के बीच ही विवाद था। इनमें से चार मामलों का निस्तारण कराया गया।

केस नंबर-1

कोतवाली थाना क्षेत्र के दतिया गेट बाहर रहने वाले विकास कुमार स्नातक पास है। सात साल पहले आवास विकास कालोनी निवासी पिंकी (काल्पनिक नाम) के साथ शादी हुई। विकास के नौकरी नहीं करने पर पत्नी से हर दिन विवाद होता था। अक्तूबर में दोनों ने अलग होने का फैसला लिया। परिवार परामर्श केंद्र में दोनों के मामले को सुलझा दिया गया।

केस नंबर-2

सीपरी बाजार थाना क्षेत्र स्थित के के पुरी कालोनी निवासी सविता मिश्रा (काल्पनिक नाम) के पति रेलवे कर्मचारी हैं। बताया कि उनके पति उन्हें खर्च नहीं देते थे। दोनों दो साल से अलग रह रहे थे। पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में परामर्शदाताओं ने समझा बुझाकर एक कराया।

चार मामलों में कराया समझौता

महिला थाना झाँसी में परिवार परामर्श का आयोजन किया गया जिसमें नौ प्रार्थना पत्र की सुनवाई हुई जिसमें चार में समझौता हुआ और पाँच में अगली तारीख दी गई। इस अवसर पर महिला थाना प्रभारी निरीक्षक पूनम शर्मा, महिला उपनिरीक्षक पूनम वर्मा, काउंसलिंग आलिया एजाज, नीति शास्त्री, महिला आरक्षी महिमा कुशवाहा, प्रतिमा यादव आदि लोग उपस्थित रहे।

परिवार परामर्श केंद्र

मामलों का हुआ निपटारा

वर्ष - कुल विवाद - निस्तारण - न्यायालय गए

2019 - 48 - 48 - 0

2020 - 121 - 80 - 13

2021 - 16 - 8

नहीं पड़ती मनोचिकित्सकों की जरुरत

परिवार परामर्श केंद्र के प्रभारी पूनम शर्मा ने बताया कि उनके यहां महिला आरक्षी महिमा कुशवाहा व प्रतिमा यादव समेत चार लोग है। जो किसी भी मामले को निपटाती हैं। बताया कि कितना भी गंभीर मामला हो जल्दी मनोचिकित्सकों की जरुरत नहीं पड़ती।

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हर रिश्ता अनमोल होता है

समाज में आपस में प्यार, दुलार और एकता बनी रहे इसके लिए पुलिस प्रतिबद्ध है। हर रिश्ता अनमोल होता है। मामूली बातों पर रिश्ता न टूटे इसके लिए परिवार परामर्श केंद्र बनाया गया है। हम खुद व्यक्तिगत स्तर पर इसकी देखरेख करते रहते हैं।

रिपोर्ट- बी के कुश्वाहा

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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